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    मोहन भागवत की सभा को बंगाल में नहीं मिली अनुमति, हाई कोर्ट पहुंचा RSS

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पश्चिम बंगाल इकाई ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश पीठ के समक्ष 16 फरवरी को पूर्व बर्धवान जिले में RSS प्रमुख मोहन भागवत की बैठक के लिए पुलिस अनुमति के अस्वीकृति को चुनौती दी। जिला पुलिस ने इस आधार पर अनुमति देने से इन्कार कर दिया कि चूंकि बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षाएं (10वीं) चल रही हैं।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Thu, 13 Feb 2025 08:29 PM (IST)
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    भागवत इस समय बंगाल प्रवास पर हैं। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बंगाल इकाई ने गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ का दरवाजा खटखटाया और 16 फरवरी को पूर्व बर्धमान जिले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सभा के लिए पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने को चुनौती दी।

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    जिला पुलिस ने इस आधार पर अनुमति देने से इन्कार कर दिया कि चूंकि बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षाएं (10वीं) चल रही हैं। इसलिए इस दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है।

    शुक्रवार को सुनवाई होने की उम्मीद

    जिला पुलिस ने अनुमति देने से इनकार करते हुए यह भी कहा कि आरएसएस प्रमुख के प्रस्तावित सभा स्थल के पास एक स्कूल है। हालांकि, एक सवाल यह भी है कि चूंकि सभा रविवार को होगी, इसलिए परीक्षा प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होने का सवाल ही नहीं उठता। इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई होने की उम्मीद है।

    संगठन के नेटवर्क का विस्तार

    भागवत इस समय बंगाल प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने आरएसएस के विभिन्न राज्य पदाधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में संगठन के नेटवर्क का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा की। रविवार को बर्धमान में प्रस्तावित सभा मध्य बंगाल के जिलों पर ध्यान केंद्रित करने की कवायद का हिस्सा है।

    सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा

    राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह दौरा दो मामलों में बेहद महत्वपूर्ण है, जिनमें से पहला 2025 में होने वाला बंगाल विधानसभा चुनाव है। दूसरा, यह दौरा पड़ोसी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी पर जारी उत्पीड़न की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसका स्पष्ट असर बंगाल में महसूस किया जा रहा है, जिसकी बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है।

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