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    West Bengal: भ्रष्टाचार के 'काल' में समा रही पार्टी, 2011 से अब तक दर्जन भर से ज्यादा टीएमसी के नेता-मंत्री गिरफ्तार

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Fri, 27 Oct 2023 06:01 PM (IST)

    करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में तृणमूल के तत्कालीन राज्यसभा सदस्य सृंजय बोस और तृणमूल के विधायक और तत्कालीन परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार किया गया था। मित्रा और बोस दोनों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। हालांकि बंगाल पुलिस ने शारदा चिटफंड घोटाले में टीएमसी के प्रवक्ता और पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को गिरफ्तार किया था।

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    विधायक अनुब्रत मंडल, मानिक भट्टाचार्य व जीबनकृष्ण साहा जेल में (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। साल 2011 के बाद से जब बंगाल में 34 साल के वाम मोर्चा शासन को समाप्त कर वर्तमान तृणमूल कांग्रेस शासन सत्ता में आई, तब से भ्रष्टाचार के आरोप में दर्जन से अधिक उसके विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

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    करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में तृणमूल के तत्कालीन राज्यसभा सदस्य सृंजय बोस और तृणमूल के विधायक और तत्कालीन परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार किया गया था। मित्रा और बोस दोनों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, बंगाल पुलिस ने शारदा चिटफंड घोटाले में टीएमसी के प्रवक्ता और पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को गिरफ्तार किया था।

    सुदीप बंद्योपाध्याय और तापस पाल हुए थे गिरफ्तार

    इसके बाद में रोजवैली चिटफंड घोटाले में सीबीआई अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य सुदीप बंद्योपाध्याय और अभिनेता से नेता बने स्वर्गीय तापस पाल को गिरफ्तार कर लिया। पाल की फरवरी 2020 में 61 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। साल 2021 में ईडी के अधिकारियों ने टीएमसी के पूर्व राज्यसभा सदस्य और अलकेमिस्ट ग्रुप के संस्थापक केडी सिंह को 2018 में केंद्रीय एजेंसी द्वारा शुरू किए गए मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

    नारद वीडियो टेप घोटाले में हुई गिरफ्तारी

    2021 में राज्य विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद सीबीआई ने बंगाल कैबिनेट के दो सदस्यों स्वर्गीय सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के पूर्व मेयर सोवन चट्टोपाध्याय और पार्टी विधायक मदन मित्रा को नारद वीडियो टेप घोटाले में गिरफ्तार किया। इसमें पार्टी के कई दिग्गज नेताओं और एक पुलिस अधिकारी को लाभ पहुंचाने के वादे के बदले नकद स्वीकार करते देखा गया था।

    शिक्षक भर्ती घोटाले में हुई गिरफ्तारियां

    साल 2022 के बाद से जब केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच शुरू की, तो बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी पहले व्यक्ति थे, जिन्हें पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ईडी ने पार्टी विधायक और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य और पार्टी के एक अन्य विधायक जीबनकृष्ण साहा को गिरफ्तार किया।

    वहीं, मवेशी तस्करी मामले में पिछले साल अगस्त में तृणमूल के विधायक और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। आखिरकार शुक्रवार की सुबह ईडी के अधिकारियों ने बंगाल के वर्तमान वन मंत्री और राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को राज्य में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार कर लिया।

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