काम के अत्यधिक दबाव के विरोध में सड़क पर उतरे बीएलओ, पुलिस के साथ धक्कामुक्की
कोलकाता में, मतदाता सूची के पुनरीक्षण में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने अत्यधिक काम के दबाव और प्रक्रिया में खामियों के विरोध में मार्च निकाला। उन्होंने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की और कार्यालय में ताला लगाने की कोशिश की, जिससे पुलिस के साथ झड़प हुई। बीएलओ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो विरोध जारी रहेगा। राज्य में अत्यधिक काम के दबाव के कारण तीन बीएलओ की मौत हो चुकी है।

प्रदर्शन करते बीएलओ।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में शामिल बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के संगठन ने सोमवार को कोलकाता में मार्च निकाला। बीएलओ ने कथित रूप से काम के अत्यधिक दबाव और प्रक्रिया में प्रणालीगत खामियों का दावा किया। समिति ने आरोप लगाया कि एसआईआर की शुरुआत के बाद से पूरे राज्य में बूथ स्तरीय अधिकारी अभूतपूर्व और अमानवीय दबाव में काम कर रहे हैं।
उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से शहर के मध्य भाग में स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय तक मार्च निकाला गया और निर्वाचन आयोग से तत्काल हस्तक्षेप और सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की गई। मार्च में पैरा-टीचर्स, कालेज प्रोफेसर और विभिन्न संगठनों के शिक्षक समर्थन के लिए शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी नोकझोंक
प्रदर्शनकारियों ने चुनाव आयोग के कार्यालय में ताला लगाने की कोशिश की, जिसका पुलिस ने विरोध किया। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद बीएलओ का एक समूह कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया। बीएलओ ने बैरिकेड तोडऩे की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी धक्कामुक्की हुई। समिति के एक सदस्य ने बताया कि हमें कम समय में कार्य पूरा करने के लिए कहा गया है, जबकि ऐसे कार्य आमतौर पर दो साल से अधिक समय लेते हैं।
चिंताओं का समाधान नहीं होने पर प्रदर्शन जारी रहेगा
समिति के एक अन्य सदस्य ने चेतावनी दी कि यदि चुनाव आयोग समय-सीमा नहीं बढ़ाता है या बीएलओ द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान नहीं करता है, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। एक अन्य संगठन, बीएलओ ओइक्या मंच ने भी गणना प्रपत्रों के डिजिटलीकरण से संबंधित मुद्दों को उठाया है तथा अतिरिक्त सहायता स्टाफ की मांग की है। एसआइआर के तहत घर-घर गिनती चार नवंबर से शुरू होकर चार दिसंबर तक चलेगी और मसौदा सूची नौ दिसंबर को प्रकाशित होगी।
तीन बीएलओ की हो चुकी है मौत
बता दें कि राज्य अब तक तीन बीएलओ की मौत हो चुकी है। उनके परिवार वालों का दावा है कि यह अत्यधिक काम के दवाब का नतीजा है। इनमें दो बीएलओ ने आत्महत्या की है। इसके अलावा करीब एक दर्जन बीएलओ बीमार हुए हैं।

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