BLO के आत्महत्या के आरोपों पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट, बिहार से नहीं मिली थी एक भी शिकायत
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ की मौत और आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता जताई है। आयोग ने राज्यों से रिपोर्ट मांगी है और काम के दबाव से मौतों के संबंध पर हैरानी जताई है। बिहार में कम समय में पुनरीक्षण के बावजूद ऐसी घटनाएं नहीं हुईं। राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया था।
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बीएलओ आत्महत्या मामला चुनाव आयोग ने राज्यों से मांगी विस्तृत रिपोर्ट (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों ( बीएलओ) की मौतों व आत्महत्याओं को जिस तरह से काम के कथित दबाव से जोड़ने की घटनाएं सामने आ रही है,उससे चिंतित चुनाव आयोग फिलहाल यह जानने में जुटा है कि इसमें कितनी सच्चाई है।
आयोग ने इसे लेकर राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (सीईओ) से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आयोग ने बीएलओ की मौत और आत्महत्या की घटनाओं को काम के दबाव से जोड़े जाने पर हैरानी भी जताई है।आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बिहार में तो इन राज्यों से कम समय में SIR हुआ, लेकिन वहां ऐसी एक भी घटनाएं नहीं देखने को मिली।
उठाए जाएंगे सख्त कदम
जबकि बिहार में SIR के दौरान काम में लापरवाही बरतने के आरोप में करीब 450 बीएलओ को निलंबित भी किया गया था। इसके बाद भी आयोग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि राज्यों से रिपोर्ट मिलने के बाद वह जरूरी और सख्त कदम उठाएंगे।
आयोग की बीएलओ की कथित आत्महत्या की घटनाओं को लेकर चिंता इसलिए भी है क्योंकि वह एसआइआर के दौरान चुनाव आयोग के सीधे प्रतिनियुक्ति पर होता है। ऐसे उनकी सुरक्षा व स्वास्थ्य की पूरी जिम्मेदारी आयोग की बनती है। आयोग ने पिछले दिनों बीएलओ के कार्य को देखते हुए उन्हें मिलने वाले भत्तों में दोगुने की बढ़ोतरी की थी। यानी उसे पहले सालाना सिर्फ छह हजार ही मिलता है, जिसे बढ़ाकर बारह हजार कर दिया गया।
वहीं एसआइआर के दौरान दिए जाने वाले दो हजार के अतिरिक्त मानदेय को भी बढ़ाकर छह हजार कर दिया था। उनकी दक्षता को बढ़ाने के लिए पिछले दिनों आयोग ने बड़ी संख्या में बीएलओ को दिल्ली बुलाकर उन्हें प्रशिक्षण भी दिया था। इस बीच एसआइआर में लगे बीएलओ की मौत और कथित आत्महत्याओं के मामलों के तूल पकड़ने के बाद राज्यों में इसे लेकर सक्रियता भी दिखने लगी है।
केरल के कोट्टयम जिले में एक बीएलओ के काम के दबाव से परेशान होने से जुड़ा एक वीडियो प्रसारित होने पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी ने तुरंत ही सीधे बीएलओ से वीडियो काल पर बात की और उससे परेशानी का कारण पूछा।
राहुल गांधी ने उठाया था मुद्दा
बीएलओ ने किसी भी तरह कोई परेशानी नहीं बतायी बल्कि कहा कि उसने अपना काम तय समय में पूरा कर लिया है। इसके बाद भी बीएलओ की मदद के लिए एक अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाने का आश्वासन दिया गया।
गौरतलब है कि SIR के दौरान काम के कथित दबाव के चलते बीएलओ की आत्महत्याओं के इस मुद्दे को रविवार का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक्स के जरिए उठाया था और कहा था कि ' एसआइआर के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है। नतीजा तीन हफ्तों में 16 बीएलओ की जान चली गई। हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या। एसआइआर कोई सुधार नहीं थोपा गया जुल्म है।

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