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    Weather Update: उत्तर भारत में कब पड़ेगी कड़ाके की ठंड? IMD ने दिया अपडेट, बताया अगले तीन दिन में कितना बदलेगा मौसम

    Updated: Wed, 13 Nov 2024 08:11 PM (IST)

    स्काइमेट के प्रवक्ता महेश पलावत का मानना है कि 16 नवंबर के बाद आसमान साफ होगा। तभी प्रदूषण में कमी आएगी। आसमान साफ होगा और तापमान नीचे जाएगा। इस बीच गुरुवार को बादल शिमला और अगले दिन पंजाब तक पहुंच जाएगा। कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है। जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल में बर्फबारी होगी और ठंडी हवाएं तेज होकर मैदानी इलाकों में आनी शुरू हो जाएगी। तापमान तेजी से गिरने लगेगा।

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    उत्तर भारत में बदलने लगा मौसम का मिजाज। (Photo Jagran)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लंबी प्रतीक्षा के बाद तीन तरफ से देश में मौसम का मिजाज बदलने का वातावरण बन चुका है। उत्तर में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार देर रात से दिखने लगा है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जिसके चलते तटीय इलाकों में बारिश हो सकती है।

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    धुंध के साथ प्रदूषण भी

    उधर, दक्षिण के राज्यों में लगातार बारिश जारी है। दिल्ली समेत उत्तर भारत के एक बड़े इलाके को बुधवार को अचानक गहरे स्माग ने घेर रखा है। लोगों ने पहले तो इसे कोहरा समझा, लेकिन यह हकीकत में कोहरा नहीं, धुंध के साथ प्रदूषण का मिश्रण है। अभी दिल्ली में जो स्माग है, वह गुजरात और राजस्थान की ओर से आने वाली हवा के कारण है।

    क्या है मौसम का अनुमान?

    • मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि दो दिन बाद जब उत्तर-पश्चिम से हवा का बहाव होने लगेगा तो उत्तर के मैदानी इलाकों का तापमान भी धीरे-धीरे गोता लगाने लगेगा।
    • मौसम का मिजाज बता रहा है कि अगले तीन-चार दिनों में तापमान और नीचे जाएगा। हालांकि कड़ाके की ठंड तब भी नहीं पड़ेगी। ठंड का गहरा असर तब होगा जब पहाड़ों में भारी बर्फबारी होगी।
    • अभी जो जम्मू-कश्मीर में हिमपात हो रहा है, वह मजबूत नहीं है। फिलहाल उत्तरी हिस्से के पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी से तापमान में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन बड़ा बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है।

    पश्चिमी विक्षोभ मजबूत नहीं

    गुरुवार को एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के पहाड़ों में आने वाला है। इस बार अभी तक कोई भी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं आ पाया है। ऐसे में ठंड के आगमन को रोककर तापमान अपने स्तर पर बना हुआ है। इसके पहले के वर्षों में 15 नवंबर से पहले तक दो-तीन बार पश्चिमी विक्षोभ आ जाया करता था और तापमान नीचे गिर चुका होता था।

    दिल्ली में स्मॉग की स्थिति

    बंगाल की खाड़ी से निम्न दबाव के चलते नमी का प्रवाह आंध्र प्रदेश से लेकर तेलंगाना तक जारी है। इसका असर ओडिशा और छत्तीसगढ़ तक भी देखा जा सकता है। निजी एजेंसी स्काइमेट के अनुसार, दिल्ली की ओर आने वाली हवा की रफ्तार बहुत धीमी है। इसके चलते आसमान साफ नहीं है और प्रदूषण का स्तर भी बना हुई है। हवा अगर 15 से 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती तो दिल्ली में स्मॉग की स्थिति नहीं होती।

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