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    Weather Updates: यूपी-बिहार के कई इलाकों में बाढ़, प्रयागराज में 80 हजार लोग बेघर; उत्तरकाशी में जलप्रलय

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 07:07 AM (IST)

    बिहार उत्तर प्रदेश और पंजाब में नदियों का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। जिससे कई इलाकों में बाढ़ की आशंका से लोग सहमे हुए हैं। पंजाब के गुरदासपुर शहीद भगत सिंह नगर सहित कई जिलों में मंगलवार को भारी वर्षा हुई। मौसम विभाग की ओर से आज के लिए भी उत्तरकाशी समेत छह जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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    बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब में नदियों का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी (फोटो- एएनआई)

     जागरण टीम, नई दिल्ली। बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब में नदियों का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। जिससे कई इलाकों में बाढ़ की आशंका से लोग सहमे हुए हैं।

    पंजाब के गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर सहित कई जिलों में मंगलवार को भारी वर्षा हुई। हरिके हेड से सतलुज दरिया में करीब 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से फिरोजपुर में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। करीब 150 एकड़ धान की फसल में पानी में डूब गई है।

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    बिहार में नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी

    बिहार में नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। पटना के गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से 1.15 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं मनेर में 82 सेंटीमीटर, हाथीदह में 86 सेंटीमीटर व दानापुर में 50 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर जलस्तर है। पटना के निचले क्षेत्र में कमर तक पानी आ चुका है।

    खगड़िया में सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा खतरे के निशान से 94 सेंटीमीटर और बूढ़ी गंडक 52 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कोसी खतरे के निशान से 71 और बागमती 65 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गंगा और बूढ़ी गंडक के बाढ़ क्षेत्र में बाढ़ का पानी का पानी फैलने लगा है। कई स्कूलों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण पठन-पाठन बाधित हो गया है।

    मुंगेर में भी निचले इलाकों में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा

    मुंगेर में भी निचले इलाकों में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है। सुपौल स्थित बराज पर कोसी का जलस्त्राव मंगलवार शाम छह बजे एक लाख 79 हजार 230 क्यूसेक दर्ज किया गया। सहरसा में पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर कोसी नदी की धारा ने पक्की सड़क काट दी। इससे दर्जनों गांव का जिला व प्रंखड मुख्यालय के साथ ही आसपास के गांव से भी सड़क संपर्क टूट गया है।

    समस्तीपुर के सारारी स्थल पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान ऊपर

    कटिहार के अमदाबाद में गंगा खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पानी का फैलाव भी तेजी से तटीय गांवों में हो रहा है। समस्तीपुर के सारारी स्थल पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.40 मीटर ऊपर है। वाल्मीकिनगर में गंडक बराज से मंगलवार को 1,39,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। बक्सर जिले के छह प्रखंडों के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं।

    उप्र में घटने लगीं गंगा-यमुना

    उत्तर प्रदेश में गंगा, सरयू, टोंस, वरुणा, गोमती नदियां उफान पर हैं। प्रयागराज में लगभग एक सप्ताह से उफान पर रहीं गंगा और यमुना का पानी कम होने लगा है, लेकिन दोनों नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान के ऊपर है। इससे अब तक लगभग 80 हजार लोग बेघर हो चुके हैं तो पांच लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। पांच दिनों से पानी में डूबे घरों को भारी नुकसान होने की आशंका है।

    प्रयागराज की 62 बस्तियां और  288 गांव अब भी प्रभावित

    प्रयागराज की 62 बस्तियां तथा जिले के 288 गांव अब भी प्रभावित हैं। जनपद में कुल 21 बाढ़ राहत शिविरों में नौ हजार चार सौ से ज्यादा पीडि़त शरण ले चुके हैं। राहत कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तथा जल पुलिस व पीएसी बाढ़ राहत दल के 630 जवानों को उतारा गया है। लगभग 330 नावों और 28 मोटर बोट व स्टीमर लगाई गई हैं।

    यहां 7,500 से अधिक लोग विस्थापित हुए

    वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 97 सेमी ऊपर बह रही हैं और यहां सभी 86 घाट डूब गए हैं। बाढ़ का पानी सड़कों तक पहुंचने लगा है और गलियों में नाव चल रही हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यहां दो लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 54 गांव व 24 वार्ड प्रभावित हैं। 7,500 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

    करीब एक हजार एकड़ फसल नष्ट

    करीब एक हजार एकड़ फसल नष्ट हो चुकी है। मंगलवार को वरुणा नदी में नहाते समय एक युवक की डूबने से मौत हो गई। चित्रकूट में तीन दर्जन गांव यमुना के पानी से घिरे हैं। कच्चे मकान की दीवार गिरने से महिला की मौत हो गई। फतेहपुर में यमुना लगातार घट रही है, लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ा है। करीब दो सौ कच्चे मकान ढह गए।

    उत्तरकाशी समेत इन जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट

    उत्तराखंड में भारी कहर बरपा रही है। पहाड़ से मैदान तक जोरदार वर्षा से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बीते दो दिनों से ज्यादातर क्षेत्रों में रुक-रुककर झमाझम वर्षा हो रही है। पहाड़ों में भूस्खलन और अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है, वहीं मैदानी जिलों में भी नदी-नालों के उफान के कारण आपदा जैसे हालात हो गए हैं।

    फिलहाल प्रदेश में आसमानी आफत से राहत मिलने के आसार कम हैं। मौसम विभाग की ओर से आज के लिए भी उत्तरकाशी समेत छह जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून में भी तीव्र वर्षा के दौर हो सकते हैं। गुरुवार के बाद से भारी वर्षा से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

    उत्तरकाशी में  बादल फटने से आए सैलाब ने भारी तबाही मचाई

    पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को ढाई घंटे के भीतर तीन स्थानों पर बादल फटने से आए सैलाब ने भारी तबाही मचाई है। गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली कस्बे का बाजार खीरगंगा नदी के साथ आए सैलाब के कारण पूरी तरह तबाह हो गया। यहां बने 22 से अधिक आवासीय भवन और दुकानें जमींदोज हो गईं।

    बाढ़ के पानी में बहने और मलबे में दबने से चार लोगों की मौत हो गई। त्रासदी में 50 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका है। दूसरी तरफ, हर्षिल में बादल फटने से तबाही हुई है। आर्मी कैंप में पानी घुस गया है।

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