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    पंजाब को बाढ़ से राहत नहीं, उत्तराखंड-हिमाचल में भारी वर्षा की चेतावनी; दिल्ली-NCR में पड़ेगी गर्मी

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:09 AM (IST)

    गुरुवार को भाखड़ा बांध के फ्लड गेटों को तीन फीट से बढ़ाकर चार फीट तक खोल दिया गया। इससे सतलुज में जलस्तर बढ़ने का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। खास बात यह है कि लुधियाना में सतलुज के पानी से और जालंधर में तटबंध टूटने का खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में शुक्रवार से भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है।

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    पंजाब को बाढ़ से राहत नहीं, उत्तराखंड-हिमाचल में भारी वर्षा की चेतावनी (फोटो- एएनआई)

     टीम जागरण, नई दिल्ली। बाढ़ से जूझ रहे पंजाब के लोगों को अभी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। इसका मुख्य कारण बांधों से नदियों में लगातार छोड़ा जा रहा पानी है। इसी बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने भाखड़ा बांध के फ्लड गेट को एक बार फिर और खोलने का फैसला लिया है।

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    सतलुज में जलस्तर बढ़ने का खतरा

    गुरुवार को भाखड़ा बांध के फ्लड गेटों को तीन फीट से बढ़ाकर चार फीट तक खोल दिया गया। इससे सतलुज में जलस्तर बढ़ने का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। खास बात यह है कि लुधियाना में सतलुज के पानी से और जालंधर में तटबंध टूटने का खतरा पैदा हो गया है।

    उत्तराखंड-हिमाचल में भारी वर्षा की चेतावनी

    मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में शुक्रवार से भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने 12 से 14 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर मध्यम और भारी वर्षा की संभावना है। 12 सितंबर को ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में बिजली गिरने व भारी वर्षा का यलो अलर्ट है।

    सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के सतौन में बुधवार शाम गिरी नदी को पार करते निजी स्कूल का शिक्षक बह गया। शिक्षक का शव गुरुवार को नदी किनारे मिला। प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और 577 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने का प्रयास जारी है।

    मौसम विभाग ने उत्तराखंड में शुक्रवार को देहरादून समेत आठ जिलों में भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है। भारी वर्षा होने के साथ गर्जन व आकाशीय बिजली चमकने का भी पूर्वानुमान है।

    हिमाचल में काटे नहीं, भूस्खलन से उखड़ गए थे पेड़

    प्रदेश के चंबा व कुल्लू जिले में अवैध कटान नहीं हुआ है। चंबा जिला के रावी व कुल्लू में ब्यास नदी में प्राकृतिक आपदा से आई बाढ़ व भूस्खलन के कारण लड़कियां बहकर आई थी। वन विभाग ने दोनों मामलों की जांच पूरी कर ली है।

    जांच कमेटी ने रिपोर्ट वन बल प्रमुख संजय सूद को सौंप दी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर वन विभाग सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखेगा। चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने हरियाणा निवासी अनामिका राणा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात पर चिंता जताई थी।

    हिमाचल के वन विभाग ने रिपोर्ट तैयार

    कोर्ट ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में जिस प्रकार दिखाया गया है कि लकडि़यां बहकर आई हैं, वह गंभीर विषय है। शीर्ष अदालत ने दो सप्ताह में जवाब मांगा था। अब हिमाचल के वन विभाग ने रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि चंबा जिले में रावी नदी में बहकर आई लकड़ी का कारण केवल प्राकृतिक आपदा हैं।

    138 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई

    अगस्त और सितंबर में सामान्य से क्रमश: 89 और 138 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। इस कारण भूस्खलन, नदी किनारों का कटाव, बादल फटना और जलाशयों से निकासी जैसी परिस्थितियां बनीं। इन्हीं कारणों से बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़कर नदी में आए।

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