सरकारें संभालें कारोबार, वर्ल्ड बैंक करेगा मदद
भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए दोनों देशों को अपने-अपने बैंकिंग सिस्टम के तहत काम करना होगा। दोनों मुल्कों की सरकारों का दोनों देशों के व्यापार पर पूरा कंट्रोल है। जब सरकारें व्यापार संभालेंगी तो वर्ल्ड बैंक भी भारत-पाक व्यापार के लिए आर्थिक मदद करेगा। यह कहना है वर्ल्ड बैं
अमृतसर [रमेश शुक्ला 'सफर']। भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए दोनों देशों को अपने-अपने बैंकिंग सिस्टम के तहत काम करना होगा। दोनों मुल्कों की सरकारों का दोनों देशों के व्यापार पर पूरा कंट्रोल है। जब सरकारें व्यापार संभालेंगी तो वर्ल्ड बैंक भी भारत-पाक व्यापार के लिए आर्थिक मदद करेगा। यह कहना है वर्ल्ड बैंक का।
वर्ल्ड बैंक के साथ भारतीय रिजर्व बैंक व फेडरल बैंक ऑफ पाकिस्तान के अलावा दोनों देशों के बड़े व्यापारिक घरानों की मीटिंग मुंबई में 25 जुलाई को हुई। इस मीटिंग में दैनिक जागरण की उन तमाम खबरों को वर्ल्ड बैंक ने गंभीरता से लिया, जो भारत-पाकिस्तान के बीच दो नंबर के व्यापार को लेकर प्रकाशित हुई थीं।
बैठक में दोनों देशों के बीच तीसरे देश के बैंक की मध्यस्थता को हटाने के लिए दोनों देशों में अपने-अपने बैंक की शाखाएं खोलने पर फोकस हुआ।
एक महीने में दूसरी बार मुंबई में हुई इस मीटिंग का उद्देश्य दोनों देशों की व्यापारिक गतिविधियों में बढ़ोतरी व पारदर्शिता लाना था। बैठक में व्यापार को लेकर एक फॉर्मेट भी तैयार किया गया है, जिसे भारत व पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय व वित्त मंत्रालय को सौंपा जाएगा।
वर्ल्ड बैंक भारतीय शाखा (70, लोदी एस्टेट) के मीडिया प्रवक्ता नंदिता राय से कई बार फोन पर संपर्क किया गया, मैसेज भेजा लेकिन उनका पक्ष नहीं मिला। वर्ल्ड बैंक की तरफ से मैडम नीतांजलि व अन्य बैठक में शामिल थे।
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