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    जंगल में मृत मिला आदमखोर बाघ, गर्दन पर थे जख्म के गहरे निशान; ग्रामीणों ने बांटी मिठाई

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 06:41 PM (IST)

    वायानाड में एक महिला की जान लेने वाले नरभक्षी बाघ की तलाश में जुटी टीम ने राहत की सांस ली है। बाघ को जंगलों में मृत पाया गया है। उसके शरीर पर धारियों के पैटर्न की पुष्टि करने के बाद अधिकारियों ने कहा कि यह वही बाघ था। अधिकारियों को उसके गर्दन पर जख्म के गहरे निशान मिले हैं। बाघ की मौत पर ग्रामीणों ने जश्न मनाया है।

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    महिला की मौत के बाद हुआ था विरोध प्रदर्शन (फोटो: मेटा एआई)

    पीटीआई, वायनाड। दो दिन पहले जंगल से सटे इलाके में कॉफी बीन्स इकट्ठा करने गई एक महिला को मारने वाला आदमखोर बाघ सोमवार की सुबह मृत पाया गया। वन अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

    महिला की मौत के बाद इलाके में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसके बाद राज्य सरकार को रविवार को बाघ को आदमखोर घोषित करना पड़ा और उसे मारने का शेड्यूल तय करना पड़ा।

    बाघ की गर्दन पर मिले जख्म

    जानवर को खोजने के लिए दिन-रात तलाशी अभियान में लगे वन अधिकारियों ने सोमवार की सुबह पिलाकावु इलाके में उसे मृत पाया। उसकी गर्दन पर गहरे जख्म थे।

    शव पर धारियों के पैटर्न की पुष्टि करने के बाद अधिकारियों ने कहा कि यह वही बाघ था, जिसने शनिवार को 46 वर्षीय महिला राधा को मार डाला था और पंचराकोली इलाके में व्यापक दहशत फैला दी थी।

    पोस्टमार्टम में होगी पुष्टि

    विशेष खोज दल का नेतृत्व करने वाले मुख्य पशु चिकित्सक डॉ. अरुण जकारिया ने कहा कि बाघ के शव पर स्पष्ट जख्म थे और ये जख्म किसी दूसरे बाघ से लड़ाई के कारण लगे होंगे। उत्तरी सर्किल के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) केएस दीपा ने कहा कि बाघ की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा।

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    हमें रात 12:30 बजे क्षेत्र में बाघ की उपस्थिति का पता चला। डॉ. जकारिया के नेतृत्व में वन विभाग की एक टीम गश्त कर रही थी। टीम ने बाघ को रात 2:30 बजे देखा। हालांकि उन्होंने उसे शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वह फिसल गया। हमने भ्रमण जारी रखा और बाद में बाघ को मृत पाया। बाघ के शव पर चोट के निशान थे।

    - केएस दीपा, मुख्य वन संरक्षक, उत्तरी सर्कल

    उन्होंने कहा कि वन अधिकारी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगे कैमरों की विजुअल्स की जांच करके लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। सोमवार की सुबह बाघ को शांत करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। बाद में वह बाघ पिलाकावु क्षेत्र में मृत पाया गया।

    दूसरे बाघ से लड़ाई की आशंका

    डॉ. जकारिया ने कहा कि बाघ जंगल में हुई लड़ाई में घायल होने के बाद इस इलाके में पहुंचा होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक, 'उसके शरीर पर ताजे और पुराने दोनों तरह के घाव थे। इस बात की प्रबल संभावना है कि उसने अन्य बाघों के साथ भीषण लड़ाई की होगी।'

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रात के समय की परिस्थितियों के कारण वन्यजीव अधिकारी बाघ को शांत करने में असमर्थ थे, जबकि वे उसे घंटों तक खोजते रहे और उसका पीछा करते रहे। पशु चिकित्सक ने बताया कि बाघ सुबह एक घर के पीछे मृत पाया गया और उसकी उम्र छह या सात साल हो सकती है।

    वन मंत्री ने जताई खुशी

    • वन मंत्री ए के ससींद्रन ने कहा कि बाघ की मौत यहां के ऊंचे इलाकों में रहने वाले लोगों, खासकर पंचराकोली के लोगों के लिए राहत की खबर है। बता दें कि मंत्री को रविवार को राधा के परिवार से मिलने के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था।
    • कोझिकोड में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने उन वन्यजीव अधिकारियों को भी बधाई दी, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर बाघ को पकड़ने के अभियान में भाग लिया।
    • उन्होंने कहा कि हालांकि पंचराकोली में दहशत फैलाने वाला बाघ मर चुका है, लेकिन वायनाड में उन सभी इलाकों में वन्यजीव टीम द्वारा खोज अभियान जारी रहेगा, जहां बाघ की मौजूदगी का संदेह है।

    जारी रहेगा खोज अभियान

    मंत्री ने कहा कि मुख्य वन्यजीव वॉर्डन और जिला कलेक्टर को आवश्यक क्षेत्रों में खोज अभियान जारी रखने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जारी कार्रवाई के बारे में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को जानकारी दी गई है।

    इस बीच पंचराकोली के स्थानीय लोगों ने बाघ की मौत का जश्न मनाने के लिए मिठाइयां बांटी। महिला पर बाघ के घातक हमले के बाद अधिकारियों ने रविवार को मनंतवाडी नगर पालिका के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था। वन मंत्री ससींद्रन ने रविवार को जिला कलेक्ट्रेट में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद बाघ को आदमखोर घोषित कर दिया था।

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