क्या है 'Waqf By User' संपत्ति, जिसका कोर्टरूम में बार-बार जिक्र करते रहे सिंघवी?
Waqf Law वक्फ बाय यूजर एक परंपरा है जिसमें कोई संपत्ति लंबे समय तक इस्लामिक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने के कारण वक्फ मानी जाती है भले ही उसके पास लिखित दस्तावेज या रजिस्ट्री न हो। सिंघवी की दलीलों पर जस्टिस विश्वनाथन ने जवाब दियाकानून के मुताबिक फर्जी दावों से बचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इसलिए वक्फ डीड बनवाना होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज करीब दो घंटे तक सुनवाई चली। कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी सरीखे वकीलों ने इस कानून के खिलाफ कई दलीलें दी। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी लगातार 'वक्फ बाय यूजर' संपत्ति का जिक्र कर रहे थे।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि देशभर में 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से आधी यानी 4 लाख से अधिक प्रॉपर्टी ‘वक्फ बाय यूजर’ के तौर पर रजिस्टर है। सिंघवी ने आगे दलील दी और इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
अब ये जान लेते हैं कि आखिर ये 'वक्फ बाय यूजर' का मतलब क्या है, जिसका जिक्र सिंघवी बार-बार कोर्ट रूम में कर रहे थे?
दरअसल, 'Waqf By User' एक परंपरा है, जिसमें कोई संपत्ति लंबे समय तक इस्लामिक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने के कारण वक्फ मानी जाती है, भले ही उसके पास लिखित दस्तावेज या रजिस्ट्री न हो।
कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार ने क्लॉज के साथ छेड़छाड़ क्यों की?
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा,‘वक्फ बाय यूजर’ वक्फ की एक शर्त है। इसको ऐसे समझिए कि मेरे पास एक प्रॉपर्टी है और मैं चाहता हूं कि वहां एक अनाथालय बनवाया जाए, तो इसमें समस्या क्या है? मेरी जमीन है, मैं उस पर बनवाना चाहता हूं, ऐसे में सरकार मुझे रजिस्टर्ड कराने के लिए क्यों कहेगी? इस पर सीजेआई ने कहा, अगर आप वक्फ का रजिस्ट्रेशन कराएंगे तो रिकार्ड रखना आसान होगा।
'फर्जी दावों से बचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी'
कपिल सिब्बल और सिंघवी की दलीलों पर जस्टिस विश्वनाथन ने जवाब दिया,"कानून के मुताबिक, फर्जी दावों से बचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इसलिए वक्फ डीड बनवाना होगा।
इस पर सिब्बल ने तर्क दिया। उन्होंने कहा, यह इतना आसान नहीं है। वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाए गए थे। सरकार 300 साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेगी। आखिर लोग कहां से लाएंगे। यही समस्या है। बता दें कि गुरुवार को ‘वक्फ बाय यूजर’ पर ही सुनवाई होगी, जिसमें सरकार की ओर से दलील पेश की जाएंगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।