'टेंपल बाय यूजर नहीं तो क्यों हो वक्फ बाय यूजर', SC के वकील विष्णु शंकर जैन ने Waqf संपत्तियों पर उठाए सवाल
SC के वकील विष्णु शंकर जैन ने वक्फ बाई यूजर अवधारणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिना दस्तावेज वाली वक्फ संपत्तियों को वापस लिया जाना चाहिए। दिल्ली में ध्वस्त शिव मंदिर का उदाहरण देते हुए उन्होंने तर्क दिया कि जब टेंपल या चर्च बाय यूजर नहीं तो वक्फ बाई यूजर क्यों? जैन ने वक्फ संशोधन मामलों के लिए एक हाई कोर्ट में संवैधानिक पीठ गठित करने का सुझाव दिया।
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने वक्फ घोषित संपत्तियों (वक्फ बाय यूजर) अवधारणा के औचित्य पर सवाल उठाए हैं। कहा कि वक्फ बाई यूजर आधार पर अधिग्रहीत संपत्तियों को वापस लेने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
विष्णु शंकर जैन ने कहा, दिल्ली में एक शिव मंदिर था, जिसे ध्वस्त कर दिया गया। कहा गया कि भगवान शिव को संरक्षण की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा। यदि टेंपल बाई यूजर और चर्च बाई यूजर नहीं है, तो वक्फ बाई यूजर क्यों होना चाहिए? वक्फ बाई यूजर अवधारणा पर रोक लगे। वक्फ बाई यूजर ऐसी संपत्ति होती है जिसे दस्तावेज के बिना भी धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दीर्घकालिक उपयोग के आधार पर वक्फ माना जाता है।
क्या है वक्फ बाई यूजर के आधार?
सरल शब्दों में कहें तो भले ही संपत्ति का दस्तावेज न हो लेकिन वक्फ बाई यूजर के आधार पर उसे वक्फ संपत्ति माना जाता है क्योंकि कई वर्षों से उसका उपयोग वक्फ संपत्ति के तौर पर होता रहा है। जैन ने कहा कि संसद ने दोहराया है कि वे वक्फ संपत्ति घोषित सरकारी संपत्तियों को वापस लिया जाएगा। जैन ने सुझाव दिया कि वक्फ संशोधन कानून से संबंधित सभी मामलों को एक ही हाई कोर्ट में ले जाया जाना चाहिए तथा छह महीने के भीतर उनकी सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ का गठन किया जाना चाहिए।
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