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    'विजय को पुलिस की बात सुननी चाहिए थी', करूर भगदड़ पर कनिमोझी ने क्या कहा?

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 05:10 PM (IST)

    रविवार को करूर में अभिनेता विजय की रैली में हुई भगदड़ को लेकर DMK सांसद कनिमोझी ने उनके रैली आयोजकों को और उनको जिम्‍मेदार ठहराया है. कनिमोझी ने कहा कि विजय को पुलिस की बात सुननी चाहिए थी. वे जानबूझकर रैली में देर से आए. ताकि और भीड़ एकत्रित हो जाए.

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    'विजय को पुलिस की बात सुननी चाहिए थी' (X-@KanimozhiDMK)

     

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई। रविवार शाम विजय की रैली में हुई भगदड़ के बाद आरोप लगाया गया है कि वे जानबूझकर रैली में देर से पहुंचे, ताकि ज्यादा भीड़ इकट्ठी हो। इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से बगैर अनुमति लिए रोड शो किया। भगदड़ को लेकर बढ़ते तनाव के बीच डीएमके नेता कनिमोझी ने धैर्य रखने की अपील की है।

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    पुलिस की बात सुननी चाहिए...

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, डीएमके नेता कनिमोझी ने कहा, "हमें पैनल की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।" उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा गठित एक सदस्यीय आयोग का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक सदस्यीय पैनल होगा। जो निष्पक्ष जांच करेगा। वहीं, डीएमके सांसद कनिमोझी ने विजय और उनकी टीवीके पर निशाना साधते हुए कहा- "विजय को पुलिस की बात सुननी चाहिए थी। पुलिस ने विजय की पार्टी के प्रचार बस को कार्यक्रम स्थल से कुछ मीटर की दूरी पर रुकने की सलाह दी थी। हम सभी को पुलिस की बात सुननी चाहिए।"

    2026 चुनाव की तैयारी

    गौरतलब है कि लोकप्रिय अभिनेता विजय 2026 में होने वाले चुनाव के लिए मैदान में उतर गए हैं। पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए करूर में रविवार को विजय की सभा थी। इनके भाषण सुनने के लिए 25,000 से ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद थी। इसको लेकर योजना भी बनाई गई थी। लेकिन वहां 30,000 लोगों की भीड़ इकठ्ठी हो गई।

    जानिए क्या बोली पुलिस

    सोमवार को दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक, सुबह 11 बजे तक भारी भीड़ जमा हो गई थी और दोपहर के बाद भी लोग आते रहे। लेकिन भाषण के वक्त विजय कहीं नजर नहीं आएं। पुलिस के मुताबिक, अभिनेता विजय को कार्यक्रम स्थल से 35 किलोमीटर दूर रैली से ले जा रही बस जगह-जगह रुकने के कारण देरी से आई।

    पुलिस का कहना है कि इस दौरान कार्यक्रम को रोके जाना 'राजनीतिक शक्ति का जानबूझकर प्रदर्शन' था। क्योंकि कार्यक्रम स्थल पर जुटी भीड़ बेस्रबी से अभिनेता विजय के आने का इंतजार कर रही थी। इंतजार के बाद जैसे ही अभिनेता विजय आएं। उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों में धक्का-मुक्की होने लगी और यह भीड़ भगदड़ में बदल गई। इस भगदड़ में 18 महिलाओं और 10 बच्चों सहित 41 लोगों की मौत हो गई। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए।

    इस घटना के बाद अभिनेता ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है। वहीं, उनकी पार्टी इस भगदड़ को लेकर डीएमके पर चुनाव से पहले उसे बदनाम करने की 'साजिश' रचने का आरोप लगा रही है।

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