Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उप राष्ट्रपति धनखड़ ने खरगे को पत्र लिखकर बातचीत के लिए किया आमंत्रित, बोले- इरादातन था सदन में व्यवधान

    By Agency Edited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 23 Dec 2023 11:54 PM (IST)

    उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को फिर से पत्र लिखा है। उन्होंने संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए उन्हें अपने आवास पर क्रिसमस के दिन आमंत्रित किया है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि सदन में व्यवधान इरादातन था और रणनीति के तहत था। इससे पहले खरगे ने धनखड़ को पत्र लिखकर सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया था।

    Hero Image
    उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खरगे को लिखा पत्र (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को फिर से पत्र लिखा है। उन्होंने संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए उन्हें अपने आवास पर क्रिसमस के दिन आमंत्रित किया है। उप राष्ट्रपति ने कहा है कि सदन में व्यवधान इरादातन था और रणनीति के तहत था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पत्र में उन्होंने कहा है कि इस प्रकरण में मुख्य विपक्षी दल की पूर्वनियोजित भूमिका की ओर इंगित कर मैं आपको शर्मिंदा नहीं करना चाहता, लेकिन जब कभी भी मुझे आपसे बातचीत का समय मिलेगा, मैं आपसे इसे साझा करूंगा।

    धनखड़ ने पत्र में क्या कुछ लिखा

    पत्र में धनखड़ ने लिखा है कि हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्हें 25 दिसंबर को या उनकी सुविधानुसार किसी भी समय पर अपने आधिकारिक आवास पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया। खरगे के 22 दिसंबर के पत्र का जवाब देते हुए धनखड़ ने कहा,

    उन्हें संतोष होता यदि कांग्रेस नेता का यह दावा कि हम संवाद और बातचीत में दृढ़ता से विश्वास रखते हैं, वास्तव में चरितार्थ हो पाता।

    यह भी पढ़ें: 'सभापीठ की अवज्ञा के कारण निलंबन हो गया था जरूरी', उपराष्ट्रपति धनखड़ ने खरगे और पवार को लिखा पत्र

    धनखड़ ने पत्र में लिखा है कि पूरे सत्र के दौरान कभी मैंने सदन के अंदर आग्रह किया तो कभी पत्र लिखकर आपसे संवाद और परामर्श करने का अनुरोध किया। आपसे बातचीत करने के लिए किया गया मेरा हर प्रयास विफल रहा।

    क्यों निलंबित किए गए विपक्षी सांसद?

    उन्होंने कहा है कि निलंबन का कारण सदन में की जा रही नारेबाजी, तख्ती लहराना, सदन के वेल में घुसने का प्रयास और आसन के सामने अशोभनीय व्यवहार कर इरादतन पैदा किया जा रहा व्यवधान था। उप राष्ट्रपति ने कहा,

    इस दुर्भाग्यपूर्ण कदम को उठाने से पहले मेरे द्वारा सदन में व्यवस्था स्थापित करने के हर प्रयास, हर उपाय किए गए। थोड़ी-थोड़ी देर के लिए सदन को स्थगित कर मैंने अपने कक्ष में बुलाकर बातचीत करने का भी प्रयास किया।

    खरगे ने शुक्रवार को धनखड़ को पत्र लिखकर कहा था कि इतने बड़े पैमाने पर सांसदों का निलंबन देश के संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि वह इतने अधिक सांसदों के निलंबन से दुखी एवं व्यथित हैं। हताश एवं निराश महसूस कर रहे हैं।

    यह भी पढ़ें: 'जानबूझकर वहां खड़े रहना और उसे बढ़ावा देना... ', मिमिक्री विवाद पर स्मृति ईरानी ने की राहुल गांधी की आलोचना

    इससे पहले उप राष्ट्रपति ने खरगे को लिखे एक पत्र में कहा था कि आसन से स्वीकार न की जा सकने वाली मांग कर सदन को पंगु बना देना दुर्भाग्यपूर्ण और जनहित के खिलाफ है।