मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन, विहिप ने सिद्दरमैया सरकार के फैसले को बताया असंवैधानिक
विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कर्नाटक सरकार के सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और येलहंका विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अध्यक्ष रत्नाकर भट ने सिद्दरमैया सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दिया और मांग की कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।

एएनआइ, बेंगलुरु। विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कर्नाटक सरकार के सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
विहिप ने सिद्दरमैया सरकार पर बोला हमला
येलहंका विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अध्यक्ष रत्नाकर भट ने सिद्दरमैया सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दिया और मांग की कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। हम विश्व हिंदू परिषद की ओर से मांग कर रहे हैं कि धार्मिक आधार पर कोई ठेका नहीं दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। यह तुष्टिकरण की राजनीति है। बजरंग दल के कार्यकर्ता अनिल कुमार ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस मुस्लिम लीग की तरह बनती जा रही है। जब से कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आई है, वह पूरी तरह से हिंदू विरोधी हो गई है।
केटीपीपी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी
कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक ठेकेदारों को निविदाओं में चार प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना है।
हालांकि, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया है कि सरकारी अनुबंधों में चार प्रतिशत आरक्षण देने का राज्य सरकार का निर्णय केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि सभी अल्पसंख्यक समुदायों और पिछड़े वर्गों के लिए है।
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