Vernal Equinox 2025: जब दिन और रात होते हैं बराबर, क्या है वैज्ञानिक महत्व?
20 मार्च 2025 को वसंत विषुव (Vernal Equinox) होगा जब दिन और रात की लंबाई समान होती है। यह खगोलीय घटना हर साल दो बार होती है और इस दिन सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है। उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु की शुरुआत होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु का आरंभ होता है। इसे विभिन्न संस्कृतियों में एक सौर त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 20 मार्च 2025 को वसंत विषुव (Vernal Equinox 2025) होगा। इसे Spring Equinox भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक घटना है। ये साल भर में दो बार होता है। इस दिन दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। इस दिन सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु की शुरूआत होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध शरद ऋतु में प्रवेश करता है।
यह खगोलीय घटना वर्ष में दो बार होती है, जब दुनिया भर में दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर होती है। ये घटना पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुके रहने की वजह से होती है, इसी के जरिए सूर्य की रोशनी का वितरण लगभग बराबर होता है।
साल में दो बार होती है ये घटना
विषुव साल में दो बार लगभग 20 या 21 मार्च और 22 या 23 सितंबर को होता है, जब सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है। विषुव के दौरान उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध दोनों में दिन एवं रात बराबर होते हैं। वसंत विषुव उत्तरी गोलार्द्ध में 20 या 21 मार्च को होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में यह 22 या 23 सितंबर को होता है।
Vernal Equinox का सांस्कृतिक महत्व
वसंत विषुव वसंत को दुनिया भर की कई सभ्याताओं में एक सौर त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन से ही मौसम में बदलाव की शुरूआत होती है। सदियों से साइप्रस से एफ़्रोडाइट, मिस्र से हैथोर और स्कैंडिनेविया के ओस्टारा और सेल्ट्स ने साल के इस समय उत्सव मनाकर परंपरा को जारी रखा है।
दुनिया भर के बूतपरस्त लोग आज भी इसे त्योहार के तौर पर मनाते हैं। दरअसल इन लोगों को मानना होता है कि मौसम में हो रहे इस बदलाव में ईश्वर की इच्छा है और वह इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं।
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