Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मातृभाषा दिवस पर 22 भाषाओं में बोले वैंकेया, देश में कायम हो मातृभाषा के प्रयोग वाली शासन व्यवस्था

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:53 PM (IST)

    उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा कि भाषा प्रत्येक देश के सांस्कृतिक जीवन को आकार देती है। साथ ही वह देश के विकास की नींव रखती है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    मातृभाषा दिवस पर 22 भाषाओं में बोले वैंकेया, देश में कायम हो मातृभाषा के प्रयोग वाली शासन व्यवस्था

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 22 भारतीय भाषाओं में बोल कर सभी को चौंका दिया। उन्होंने इस दौरान आम लोगों से भी अपनी मातृभाषा को प्रोत्साहित करने और अन्य भारतीय भाषाओं को भी सीखने की जरुरत बताई। साथ ही भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आंदोलन छेड़ने की वकालत की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नायडू गुरुवार को अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। उन्होंने कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरूआत वहां मौजूद लोगों को 22 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में अभिवादन करके किया। उन्होंने इस दौरान देश में भारतीय भाषाओं की उपयोगिता पर जोर देते हुए शासन के काम-काज में भी इसके इस्तेमाल पर बल दिया। साथ ही कहा कि यह लोगों के लिए और ज्यादा लाभकारी होगी।

    नायडू ने कहा कि पूरी दुनिया में 40 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जो जिस भाषा को समझती है और आसानी से बोलती भी है, लेकिन उसे उस भाषा में शिक्षा नहीं मिलती है।

    उप राष्ट्रपति ने कहा कि मातृभाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाला आयोजन सिर्फ एक दिन ही न किया जाए, बल्कि इसे व्यवहार में लाकर बार-बार किया जाए। इससे लोगों को अपनी भाषा के घर, समुदाय, बैठकों-सभाओं और सरकारी कामकाज में इस्तेमाल की आदत पड़ेगी। ऐसे में प्रत्येक दिन मातृभाषा दिवस बनेगा और लोग उससे बेहतर तरीके से जुड़ाव महसूस करेंगे।

    कार्यक्रम को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा वह भाषा होती है, जिसे कोई भी व्यक्ति बगैर किसी प्रयास के सीखता है। मौजूदा समय में देश में इतनी भाषाएं बोली जाती है, जिसे हमें गर्व है। उन्होंने भारतीय भाषाओं के संरक्षण पर जोर दिया। कार्यक्रम में संस्कृत एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी शामिल थे।