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    वीर सावरकर टिप्पणी मामला: राहुल गांधी की फिर बढ़ी मुसीबत, अब पुणे कोर्ट ने कांग्रेस नेता को किया तलब

    By Agency Edited By: Prince Gourh
    Updated: Sat, 26 Apr 2025 03:18 PM (IST)

    पुणे की एक अदालत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहाक्या राहुल गांधी जानते हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर की प्रशंसा करते हुए एक पत्र लिखा था।

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    पुणे कोर्ट ने राहुल को किया तलब (फाइल फोटो)

    एएनआई, महाराष्ट्र। पुणे की एक अदालत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तलब किया है। अदालत ने राहुल गांधी को 9 मई को उपस्थित होने का अनुरोध किया है।

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    वीडी सावरकर के एक रिश्तेदार ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, क्योंकि उन्होंने कुछ समय पहले लंदन में स्वतंत्रता सेनानी के बारे में एक बयान दिया था।

    क्या था राहुल का बयान

    राहुल गांधी ने कहा था, "उन्होंने (सावरकर और उनके साथियों ने) एक मुसलमान को पीटा और खुश हुए। अगर पांच लोग एक व्यक्ति को पीट रहे हैं और कोई खुश हो रहा है, तो यह कायरता है। यह भी उनकी विचारधारा में है।"

    इसी मुद्दे पर राहुल गांधी के खिलाफ एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद को चेतावनी दी कि वह भविष्य में स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी न करें अन्यथा, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।

    सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया

    सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा,"क्या राहुल गांधी जानते हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर की प्रशंसा करते हुए एक पत्र लिखा था।"

    न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी पर असहमति जताई।

    न्यायमूर्ति दत्ता ने गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से यह भी पूछा कि क्या महात्मा गांधी को सिर्फ इसलिए अंग्रेजों का सेवक कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने वायसराय को लिखे अपने पत्रों में 'आपका वफादार सेवक' शब्द का इस्तेमाल किया था।

    न्यायमूर्ति ने राहुल के वकील से किए सवाल

    न्यायमूर्ति दत्ता ने सिंघवी से कहा, "क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय 'आपके वफादार सेवक' का इस्तेमाल किया था? क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए किसी को पत्र भेजकर सावरकर की प्रशंसा की थी।" पीठ ने आगे कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास और भूगोल को जाने बिना ऐसे बयान नहीं दे सकते।

    न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा और कहा कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए। क्या आप स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं?

    'भविष्य में ऐसा कोई बयान नहीं देंगे राहुल गांधी'

    न्यायमूर्ति ने कहा कि महाराष्ट्र में सावरकर की पूजा की जाती है। उन्होंने आगे कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं, आगे कोई भी बयान दिया गया तो हम स्वत: संज्ञान लेंगे और मंजूरी का कोई सवाल ही नहीं है। हम आपको स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बोलने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई है।"

    इसके बाद पीठ ने लखनऊ की एक अदालत में गांधी के खिलाफ सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर चल रही आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए इच्छुक है, लेकिन इस शर्त पर कि वह भविष्य में ऐसा कोई बयान नहीं देंगे।

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