'उनकी दादी इंदिरा ने भी...', सावरकर टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की राहुल गांधी की खिंचाई; क्या-क्या कहा?
Supreme Court on Rahul Gandhi महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान सावरकर पर गलत टिप्पणी करने वाले राहुल गांधी की सुप्रीम कोर्ट ने निंदा की है। हालांकि कोर्ट ने राहुल पर आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

पीटीआई, नई दिल्ली। विनायक दामोदर सावरकर पर गलत टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई है। महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान सावरकर पर राहुल गांधी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी निंदा की।
हालांकि, कोर्ट ने राहुल पर आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी।
स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक उड़ाना सही नहीं
- न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
- पीठ ने गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों को लिखे अपने संदेश में "आपका वफादार सेवक" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था।
तो क्या गांधी जी को अंग्रेजों का सेवक कहेंगे?
- जब सिंघवी ने तर्क दिया कि गांधी के खिलाफ शत्रुता और सार्वजनिक उत्पात को बढ़ावा देने के आरोप नहीं बनते, तो पीठ ने टिप्पणी की, "आप बहुत आज्ञाकारी हैं...क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय 'आपका वफादार सेवक' का इस्तेमाल किया था?
- क्या महात्मा गांधी को केवल इसलिए 'अंग्रेजों का सेवक' कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने खुद को वायसराय को 'आपका सेवक' कहकर संबोधित किया था।
SC ने इंदिरा गांधी के पत्र को दिलाया याद
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए इसी सज्जन (सावरकर) की प्रशंसा करते हुए एक पत्र भेजा था? न्यायाधीश ने आगे कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान न दें।
पीठ ने आगे कहा कि कानून पर जो आपने कहा वो सही कहा, आप इस पर रोक लगाने के हकदार हैं। हम इस पर कुछ नहीं कह रहे हैं।
कोर्ट ने दी राहुल को चेतावनी
पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी फिर से कोई ऐसा बयान देते हैं तो वो स्वतः संज्ञान लेंगे। कोर्ट ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर और कोई गलत शब्द नहीं सहा जाएगा। उन्होंने हमें स्वतंत्रता दी है और हम उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? यह तरीका नहीं है।
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