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    अमेरिका-कनाडा में पढ़ाई के लिए छात्रों की घटी रुचि, ये हैं मुख्य वजह

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 07:00 PM (IST)

    आईडीपी एजुकेशन के अनुसार अमेरिका में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों की पूछताछ में 46% से ज्यादा की गिरावट आई है जबकि कनाडा के लिए यह गिरावट 75% तक है। भू-राजनीतिक स्थिति और वीजा अनुमोदन दरों में कमी के कारण छात्रों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो और भारत सरकार के बीच विवाद के साथ-साथ अमेरिकी टैरिफ ने भी छात्रों को प्रभावित किया है।

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    अमेरिका-कनाडा में पढ़ाई के लिए छात्रों की घटी रुचि (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप अमेरिका या कनाडा में पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं तो रवानगी से पूर्व आपके मन में विश्वविद्यालय या पाठ्यक्रम के चयन, आवेदन एवं वीजा प्रक्रिया और अन्य तैयारियों को लेकर बहुत से सवाल जरूर आते होंगे।

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    ऐसे ही सवालों को लेकर अमेरिका में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों की पूछताछ में पिछले एक साल में 46 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, जबकि पिछले दो वर्षों में कनाडा के लिए पूछताछ में लगभग 75 प्रतिशत की कमी आई है। आईडीपी एजुकेशन के शीर्ष अधिकारियों ने इस आशय की जानकारी दी है।

    छात्रों की योजनाएं क्यों हुए प्रभावित?

    आईडीपी एजुकेशन के दक्षिण एशिया, कनाडा और लैटिन अमेरिका के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष कुमार के अनुसार, भू-राजनीतिक स्थिति ने छात्रों की अमेरिका और कनाडा जाने की योजनाओं को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया, ''अगर हम भू-राजनीतिक स्थिति की बात करें तो मुझे लगता है कि यह मुख्य रूप से अमेरिका से संबंधित है। हमने देखा है कि पिछले छह से 12 महीनों में इस स्थिति ने उन छात्रों की योजनाओं को स्पष्ट रूप से प्रभावित किया है जो अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं। दरअसल, यह राष्ट्रपति ट्रंप के आने से पहले ही शुरू हो गया था। इसलिए हमने देखा कि जून के बाद से वीजा अनुमोदन दरों में गिरावट आई है।''

    पीयूष कुमार ने कहा, ''आम तौर पर चुनावी साल में हम देखते हैं कि वीजा स्वीकृति दरें किसी भी कारण से कम हो जाती हैं। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के आने के बाद मुझे लगता है कि वे कुछ योजना बना रहे हैं, या कुछ बदलावों को लेकर काफी शोर है जो जाहिर तौर पर निराशा का कारण बन रहे हैं।''

    जस्टिन ट्रूडो से हुआ था विवाद

    उन्होंने कहा कि मई, 2024 की तुलना में इस साल मई में अमेरिका के लिए पूछताछ में 46.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले दो वर्षों में कनाडा के लिए पूछताछ में भी लगभग 70-75 प्रतिशत की गिरावट आई है। ''कनाडा में पिछले दो वर्षों में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। इसकी शुरुआत तब हुई जब (पूर्व कनाडाई प्रधानमंत्री) जस्टिन ट्रूडो और भारत सरकार के बीच विवाद हुआ था। लेकिन, समय के साथ-साथ कनाडा भी अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित हुआ है। कनाडा का 80 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है, इसलिए वे बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।''

    उन्होंने कहा, ''लोगों को लगता है कि कनाडा जाने का यह सही समय नहीं है क्योंकि वहां पढ़ाई के बाद काम करने के अधिकार को भी सिर्फ छह स्ट्रीम तक सीमित कर दिया गया है। इसीलिए बहुत से छात्र सोचते हैं कि अगर वे कनाडा जाते हैं और उन छह स्ट्रीम के अलावा कुछ और विषय की पढ़ाई करेंगे तो उनको पढ़ाई के बाद काम करने का अधिकार नहीं होगा और उन्हें वापस आना पड़ेगा।''

    अगले दो साल छात्रों पर भारी

    चूंकि कनाडा सरकार ने कहा है कि ये उपाय 2027 तक लागू रहेंगे और उसके बाद वे इस नीति पर फिर से विचार करेंगे। इसलिए अगले दो साल छात्रों पर भारी रह सकते हैं। आइडीपी एजुकेशन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सेवाओं में एक वैश्विक अग्रणी संस्थान 1969 में आस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा स्थापित आइडीपी एजुकेशन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सेवाओं में एक वैश्विक अग्रणी संस्थान है जो छात्रों को विदेश में पढ़ाई करने के उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।

    यह संस्थान आस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे लोकप्रिय गंतव्यों के लिए पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय चयन, आवेदन जमा करने, वीजा प्रक्रिया और प्रस्थान-पूर्व योजना पर विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क मार्गदर्शन प्रदान करता है।

    कितने हैं कार्यालय

    यह अंग्रेजी भाषा दक्षता परीक्षा (आइईएलटीएस) भी आयोजित करता है। हर साल लगभग एक लाख आइडीपी छात्र दुनिया भर के 800 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं। आइडीपी के भारत के 63 शहरों में 73 कार्यालय हैं और यह छात्रों एवं उनके परिवारों को विदेश में अध्ययन की पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

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