मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ही इन दो फ्रंट पर भारत को मिली जीत
पीएम माेदी की यूएस यात्रा से पहले ही भारत को पाकिस्तान के खिलाफ दो फ्रंट पर बड़ी कामयाबी मिली है। इससे पीएम मोदी की आगामी यात्रा और अहम हो गई है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ही दो फ्रंट पर भारत को बड़ी सफलता मिली है। इसमें पहली सफलता तो यह है कि अमेरिका ने भारत को 22 अमेरिकी ड्रोन सौदे को मंजूरी दे दी है। वहीं दूसरी सफलता के तौर पर अमेरिकी संसद में पाकिस्तान को लेकर एक बिल पेश किया गया है। इस बिल में पाकिस्तान काे 'मेजर नॉन-नाटो एलाई (अहम गैर-नाटो सहयोगी या एमएनएनए) दर्जा रद्द करने की मांग की गई है। अमेरिकी संसद में यह बिल दो वरिष्ठ अमेरिकी सांसदों रिपब्लिकन टेड पो तथा डेमोक्रेट रिक नोलन ने पेश किया है। पीएम माेदी की यहां की यात्रा करने से पहले यह दोनों संकेत दोनों देशों के सकात्मक रवैये की ओर इशारा करते हैं।
बुश ने पाक को दिया था एमएनएनए का दर्जा
गौरतलब है कि पाकिस्तान को वर्ष 2004 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने एमएनएनए का दर्जा दिया था। उस वक्त पाकिस्तान को यह दर्जा अल-कायदा और तालिबान से लड़ने के लिए अमेरिका के सहयोगी के तौर पर दिया गया था। पाकिस्तान को एमएनएनए दर्जा खत्म करने की मांग करने वाले दोनों सांसदों का कहना है कि क्याेंकि पाकिस्तान लगातार अपने यहां से आतंकी कार्रवाई करता है और अपने यहां पर आतंकियों को पनाह देता है, लिहाजा उसको मिला यह दर्जा वापस ले लेना चाहिए। उनका यह भी आरोप है कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर अमेरिका से अरबों डालर की राशि लेता है, लेकिन इसके प्रति कभी जवाबदेही नहीं दर्शाता है। नतीजा यह है कि आज तक भी आतंकवादी वारदातों में न तो कोई कमी आई है और हक्कानी नेटवर्क बादस्तूर जारी है।
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ड्रोन सौदे पर लगी मुहर
दूसरी तरफ 22 अमेरिकी गार्जियन ड्रोन सौदे पर मुहर लगना भारत के लिए काफी बड़ा कदम है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप सरकार ने दो से तीन अरब डॉलर (128 अरब रुपये से लेकर 192 अरब रुपये) के ड्रोन सौदे को मंजूरी प्रदान की है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से भारत सरकार और ड्रोन निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स को अवगत करा दिया है। भारत पिछले काफी समय से निगरानी करने वाले अमेरिकी गार्जियन ड्रोन तकनीक हासिल करने की कोशिश में लगा हुआ था। इस सौदे को लेकर ओबामा प्रशासन ने वादा भी किया था। भारत पहला ऐसा गैर नाटो गठबंधन देश है, जिसे अमेरिका अपनी ड्रोन तकनीक सौंपने जा रहा है। गार्जियन ड्रोन मिलने से भारत के लिए अब हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने में काफी आसानी हो जाएगी।
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अमेरिकी सांसदों का बयान
टेड पो ने अमेरिकी संसद में पाकिस्तान के खिलाफ बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि ओसामा बिन लादेन को शरण देने से लेकर तालिबान का साथ देने तक पाकिस्तान जिद्दी और अड़ियल तरीके से उन आतंकवादियों के खिलाफ सार्थक कार्रवाई करने से इंकार करता रहा है, जो हर विरोधी विचारधारा को नुकसान पहुंचाने पर अड़े हैं। उन्होंने साफतौर पर कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान से दूरी बना लेनी चाहिए। यदि ऐसा भी नहीं होता है तो कम से कम अमेरिकी हाईटैक वैपंस तक उसकी पहुंच नहीं होनी चाहिए।
क्या है एमएनएनए दर्जा
किसी भी एमएनएनए देश को रक्षा सामग्री की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जाती है। इसके अलावा उसके साथ हथियार खरीद प्रक्रिया में भी तेजी आती है। इतना ही नहीं उस देश को अमेरिका से कर्ज गारंटी प्रोग्राम दिया जाता है, जिसके तहत प्राइवेट बैंकों की ओर से हथियार निर्यात के लिए दिए जाने वाले कर्ज़ों की ज़िम्मेदारी ली जाती है। एमएनएनए देश अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर जमा कर सकते हैं, रक्षा अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों में शिरकत कर सकते हैं। साथ ही उन्हें शेष देशों की तुलना में अत्याधुनिक हथियार बेचे जा सकते हैं।
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खास हो गई है पीएम मोदी की यूएस यात्रा
इन दो फ्रट पर मिली सफलता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के मायने भी काफी अहम हो गए हैं। पहले यह कहा जा रहा था कि अमेरिकी यात्रा से भारत को कुछ खास नहीं मिलने वाला है। इसके पीछे पेरिस समझौता समेत कई तर्क भी दिए जा रहे थे। लेकिन बीते कुछ माह के दौरान ही भारत और अमेरिका के संबंधों में जो तेजी देखी गई है, उससे इस यात्रा को लेकर उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। यहां पर यह भी बात ध्यान में रखने वाली है कि हाल ही में एफ 16 को बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत में अपना प्लांट लगाने का दावा किया है। इसमें उसका सहयोग भारत की दिग्गज कंपनी टाटा करेगी।
इस समझौते पर अंतिम दस्तखत भी पीएम मोदी की यात्रा के दौरान होने हैं। इसके अलावा पिछले कुछ समय में ही भारत को अमेरिका ने होवित्जर तोपों की भी सप्लाई करनी शुरू कर दी है। पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान आतंकवाद तथा दक्षिण एशिया में रिश्तों के बारे में प्रमुखता से बात होने की संभावना है।
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