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    वोटर लिस्ट विवाद पर संसद में पहले दिन हंगामा, विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट; राहुल गांधी ने की जांच की मांग

    संसद में वोटर लिस्ट के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। मगर राज्यसभा में तत्काल चर्चा का नोटिस खारिज होने के बाद समूचे विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कुछ समय बाद सदन से वॉकआउट भी कर दिया। उधर जेपी नड्डा ने वॉकआउट को गैर-जिम्मेदाराना बताया।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 10 Mar 2025 08:55 PM (IST)
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    संसद में विपक्षी सांसदों का हंगामा। ( फोटो- एएनआई )

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र, हरियाणा और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में वोटर लिस्ट तथा मतदाता पहचान पत्र में कथित हेर-फेर की शिकायतों का दावा करते हुए सत्रावकाश के बाद शुरू हुए बजट सत्र के पहले ही दिन आक्रामक तरीके से इस उठाते हुए संसद में इस पर बहस की मांग की है।

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    लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने वोटर लिस्ट में गंभीर विसंगतियों का दावा करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के इस पर चर्चा को जरूरी करार दिया।

    विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया

    राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र सहित देश भर में विपक्ष की ओर से एक स्वर में मतदाता सूची पर सवाल उठाए जा रहे हैं जिस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। राज्यसभा में ईपीआईसी-वोटर लिस्ट की विसंगतियों पर तत्काल चर्चा का नोटिस खारिज होने के बाद समूचे विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट किया।

    टीएमसी ने पूछा- सूचियों में गलती क्यों हुई?

    लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य के मुर्शिदाबाद और बर्धमान संसदीय क्षेत्रों और हरियाणा में समान नंबर के ईपीआईसी मौजूद होने के दावे को उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को देश को यह जवाब देना चाहिए कि मतदाता सूचियों में यह गलतियां क्यों हुईं? जबकि वोटर लिस्ट में खामियों का मसला महाराष्ट्र और हरियाणा में आया तो इस पर ध्यान दिलाया गया।

    राहुल गांधी ने की चर्चा की मांग

    टीएमसी सांसद के मुद्दा उठाने के बाद राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से स्पीकर के समक्ष चर्चा की मांग रखी। इसके बाद शून्यकाल में टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने बंगाल में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा करते हुए आरोप लगाया कि गुजरात और हरियाणा से इन्हें लाया जा रहा जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है।

    उन्होंने कहा कि आयोग चाहे दावे करे मगर स्पष्ट है कि पिछले कुछ सालों में कोई निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हुआ है और उचित काम नहीं करने के लिए चुनाव आयोग के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।

    विपक्षी सांसदों का नोटिस खारिज

    राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने वोटर लिस्ट विसंगतियों पर नियम 267 के तहत चर्चा का विपक्षी सांसदों का नोटिस खारिज कर दिया। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे उठाने की कोशिश की मगर इजाजत नहीं दी तो विरोध में विपक्षी सांसदों ने पहले हंगामा-नारेबाजी की और फिर वॉकआउट कर विरोध दर्ज कराया।

    इससे पूर्व द्रमुक के त्रिची शिवा और केपी विल्सन, एमडीएमके के वाइको, सीपीआई के के संतोष कुमार आदि ने अगले परिसीमन में दक्षिण के राज्यों में लोकसभा सीटें घटने की चिंताओं पर चर्चा की मांग उठाई। जबकि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और अजय माकन और टीएमसी के साकेत गोखले और सागरिका घोष ने राज्यों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र जारी किए जाने में चुनाव आयोग की कथित चूक पर चर्चा का मुद्दा उठाया।

    सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार: नड्डा

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सदन के नेता जेपी नड्डा ने वॉकआउट को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए विपक्षी सांसदों को संसदीय नियमों का रिफ्रेशर कोर्स करने की नसीहत दी और आरोप लगाया कि 267 के तहत नोटिस देकर संसद और लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है मगर विपक्ष की बहस में दिलचस्पी नहीं।

    पूरा विपक्ष विस्तृत चर्चा चाहता है: खरगे

    मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि पूरा विपक्ष मतदाता सूची में विभिन्न विसंगतियों को लेकर उत्पन्न शंकाओं पर विस्तृत चर्चा चाहता है। खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों के बीच सिर्फ छह महीनों में लाखों मतदाताओं की अचानक वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस ने मतदाता सूची मांगी है मगर चुनाव आयोग ने जवाब नहीं दिया है।

    नेता विपक्ष ने कहा कि संसद को लोकतंत्र और संविधान के प्रति लोगों की आस्था की रक्षा करनी चाहिए और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को प्रभावित करने वाले ऐसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की आवश्यकता है।

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