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    'सवर्ण को संभालना चाहिए जनजातीय मामलों का मंत्रालय', केंद्रीय मंत्री के बयान पर मचा विवाद; इस्तीफे की उठी मांग

    केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के बयान पर बवाल मच गया है। केरल में उनके बयान की खूब आलोचना हो रही है। वहीं भाकपा के राज्य सचिव बिनय विश्वम ने उनके इस्तीफे की मांग की। दरअसल गोपी ने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय को सवर्ण जाति के लोगों को संभालना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान से किनारा कर लिया।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 03 Feb 2025 12:29 AM (IST)
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    केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री सुरेश गोपी। ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जनजातीय मामलों का मंत्रालय 'सवर्ण जाति' के लोगों को संभालना चाहिए। हालांकि बाद में वह अपने बयान से पीछे हट गए।

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    अभिनय जगत से राजनीति में आए गोपी ने दिल्ली में भाजपा के पक्ष में प्रचार के दौरान एक जनसभा में कहा कि जनजातीय लोगों के कल्याण में वास्तविक प्रगति तभी होगी जब मंत्रालय की जिम्मेदारी सवर्ण जाति के नेता संभालेंगे।

    अच्छे इरादे से कही थी ये बात

    बाद में सुरेश गोपी ने कहा कि उन्होंने अच्छे इरादे से यह बात कही थी। अगर उनकी बात अच्छी नहीं लगी या यह स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है तो वह अपना बयान वापस लेते हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय भी संभाल रहे गोपी ने कहा था, 'यह हमारे देश का अभिशाप है कि केवल आदिवासी समुदाय से आने वाले व्यक्ति को ही जनजातीय मामलों का मंत्री बनाया जा सकता है। यह मेरा सपना और उम्मीद है कि आदिवासी समुदाय से बाहर के किसी व्यक्ति को उनके कल्याण के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।

    लोकतांत्रिक प्रणाली में बदलाव होना चाहिए

    गोपी ने कहा कि किसी ब्राह्मण या नायडू को जिम्मेदारी दी जाए, इससे महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। इसी तरह आदिवासी नेताओं को अगड़े समुदायों के कल्याण के लिए विभाग दिया जाना चाहिए। ऐसा बदलाव हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली में होना चाहिए।'

    जनजातीय मामलों का मंत्रालय संभालने की इच्छा जताते हुए त्रिशूर के सांसद ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया था कि उन्हें यह मंत्रालय दिया जाए, लेकिन मंत्रालयों के आवंटन को लेकर कुछ परिपाटी है।

    इस्तीफे की उठी मांग

    उल्लेखनीय है कि जुएल ओराम केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री हैं। गोपी की टिप्पणी की पूरे केरल में व्यापक आलोचना हुई है। भाकपा के राज्य सचिव बिनय विश्वम ने उन्हें 'चार वर्णीय व्यवस्था' का प्रचारक बताया और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री कुरियन से भी इस्तीफा देने की मांग की।

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