United Kisan Morcha: MSP कमेटी की पहली बैठक में शामिल नहीं हुआ संयुक्त किसान मोर्चा, न्यूनतम समर्थन मूल्य को पारदर्शी बनाने पर हुई चर्चा
किसान नेता चौधरी कृष्णबीर ने बताया कि एमएसपी प्रणाली में कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। बैठक में कई और सदस्यों ने एमएसपी को लेकर अपनी राय रखी। एमएसपी पर खरीद का दायित्व राज्यों को सौंपने पर विचार किया जा सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एमएसपी व प्राकतिक खेती पर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की पहली बैठक सोमवार को यहां हुई, जिसमे संयुक्त किसान मोर्चा को छोड़कर बाकी सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में प्राकृतिक खेती, एमएसपी और हिमालयी राज्यों में कृषि की संभावना के अध्ययन के लिए अलग-अलग उप समूहों का गठन का फैसला लिया गया। कमेटी की पहली बैठक में ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को पारदर्शी और अधिक कारगर बनाने पर चर्चा की गई है। पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता वाली कमेटी में जीरो बजट आधारित खेती को प्रोत्साहित करने और देश की जरूरतों के मद्देनजर बदलते क्राप पैटर्न पर विचार-विमर्श किया गया। इसके लिए क्राप मैपिंग का आंकड़ा तैयार किया जाएगा। बैठक के प्रारंभ में ही कमेटी सदस्यों के समक्ष एक प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसमें तीन प्रमुख टापिक दिया गया।
कमेटी के सदस्यों को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर उप समूह का गठन किया जाएगा जो संबंधित विषय पर अपनी सिफारिश देंगे। चर्चा के दौरान विभिन्न राज्यों में कृषि क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्यों को माडल के रूप में पेश किया गया। जिन तीन विषयों को प्रमुखता से रखते हुए उप समूह का गठन किया गया है, उनमें MSP, प्राकृतिक खेती और हिमालयी राज्यों में खेती को रखा गया है।
किसान नेता चौधरी कृष्णबीर ने बताया कि MSP प्रणाली में कृषि लागत व मूल्य आयोग (CACP) को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। बैठक में कई और सदस्यों ने MSP को लेकर अपनी राय रखी। MSP पर खरीद का दायित्व राज्यों को सौंपने पर विचार किया जा सकता है, क्यों कि राज्यों में ही खाद्यान्न वितरण किया जाता है। इससे जहां खाद्यान्न की ढुलाई का खर्च बचेगा। कमेटी की पहली बैठक क्राप पैटर्न के अनुसंधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का एक संस्थान नागपुर में है, जिससे उसकी वैज्ञानिक सलाह को शामिल किया जाएगा।
आइसीएआर के महानिदेशक को इसका दायित्व सौंपा गया है जो क्राप पैटर्न की मैपिंग कराएगा। कमेटी की अगली बैठक को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। लेकिन एक बात पर सैद्धांतिक सहमति हो गई कि अगली बैठक दिल्ली के बजाए देश के दूसरे हिस्से में कराई जाए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि मंत्रालय की गठित कमेटी को लेकर अपना विरोध दर्ज करा चुका है। कृषि सुधार के तीनों कानूनों की वापसी के मौके पर सरकार ने MSP पर कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखते हुए किसान मोर्चा से अपने सदस्यों को नाम देने को कहा था।
लेकिन मोर्चा ने अपने सदस्यों का नाम नहीं भेजा। इसके बाद भी कृषि मंत्रालय ने कमेटी में किसान मोर्चा के सदस्यों के लिए तीन नाम रिक्त रखा है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि बैठक से पूर्व उनके नाम शामिल हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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