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    Power Supply: ''ये नया भारत है, पावर ब्लैकऑउट मंजूर नहीं'', बिजली आपूर्ति पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का बयान

    आरके सिंह ने कहा कि यह नया भारत है यहां पावर ब्लैकआउट अब मंजूर नहीं है। आरके सिंह छह-सात फरवरी को बेंगलुरु में जी-20 देशों के बीच बिजली उपयोग में बदलाव के विषय में होने वाली बैठक की जानकारी देने के लिए मीडिया से बात कर रहे थे। Photo- ANI

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 03 Feb 2023 03:08 AM (IST)
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    ''ये नया भारत है, पावर ब्लैकऑउट मंजूर नहीं'

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हाल ही में कोयला आयात को लेकर अपनी नीति बदलने के बाद केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने दो टूक कहा है कि सरकार का लक्ष्य देश में पर्याप्त और उचित मूल्य पर बिजली उपलब्ध कराना है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर बाहर से कोयला आयात भी किया जाएगा और घरेलू कोयले में उसका मिश्रण भी किया जाएगा।

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    पावर ब्लैकऑउट अब मंजूर नहींः बिजली मंत्री

    आरके सिंह ने कहा कि यह नया भारत है, यहां पावर ब्लैकऑउट अब मंजूर नहीं है। आरके सिंह छह-सात फरवरी को बेंगलुरु में जी-20 देशों के बीच बिजली उपयोग में बदलाव के विषय में होने वाली बैठक की जानकारी देने के लिए मीडिया से बात कर रहे थे।

    भारत के पास जी 20 की अध्यक्षता

    भारत इस साल प्रतिष्ठित जी20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जी20 समूह में शामिल देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन देशों में दुनिया की आबादी के दो-तिहाई लोग रहते हैं।

    देश में तेजी से बढ़ रही बिजली की मांग

    बिजली मंत्रालय ने हाल ही में देश के ताप बिजली संयंत्रों को फिर से कोयला आयात सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। पहले भी यह नियम लागू किया गया था लेकिन बाद में इस नियम को हटा दिया गया था। अब नया बदलाव इसलिए किया गया है कि देश में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। जुलाई 2022 में बिजली की मांग 2.12 लाख मेगावाट थी, जिसके इस वर्ष 2.25 लाख मेगावाट हो जाने की संभावना है।

    70 प्रतिशत बिजली कोयला आधारित संयंत्रों से मिलती

    भारत अपनी जरूरत का 70 प्रतिशत बिजली कोयला आधारित संयंत्रों से लेता है। घरेलू कोयला का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। बिजली मंत्री ने कहा कि इसका फैसला जरूरत के हिसाब से होता है। पहले भी घरेलू कोयले में आयातित कोयले का मिश्रण होता रहा है। इसलिए इस बारे में फैसला करने में कोई समस्या नहीं है। हम किसी भी सूरत में बिजली आपूर्ति में बाधा नहीं चाहते।

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