Uniform Civil Code: क्या है UCC जिसपर भारत में मचा घमासान, पढ़ें किन देशों में पहले से लागू है ये कानून
Uniform Civil Code भारत में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसके लिए देश के नागरिक से राय मांगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। समान नागरिक संहिता को मानने वाले देशों की लंबी सूची है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Uniform Civil Code: भारत में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसके लिए देश के नागरिक से राय मांगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 22वें विधि आयोग ने यूसीसी पर लोगों की राय जानने के लिए ईमेल जारी किया है। ताकि कोई भी संगठन या व्यक्ति अपनी राय भेज सके।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता यानी कि एक देश एक कानून। समान नागरिक संहिता के तहत देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों के लिए एक कानून होगा। समान नागरिक के तहत विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, संपत्ति के बंटवारे जैसे विषय आते हैं। फिलहाल भारत में ऐसा नहीं है। भारत में समान नागरिक संहिता लागू नहीं है, यहां कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय हैं।
भारत में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध के लिये एक व्यक्तिगत कानून है। वहीं, मुसलमानों और इसाइयों के लिए उनके अपने कानून हैं। इस्लाम धर्म के लोग शरीअत या शरिया कानून को मानते हैं, जबकि अन्य धर्म के लोग भारतीय संसद द्वारा तय कानून को सर्वोपरी मानते हैं।
किन देशों में लागू में यूसीसी?
भारत में यूसीसी पर विधि आयोग ने जैसे ही प्रक्रिया शुरू की, यहां राजनीति तेज हो गई। समाज दो हिस्सों में बंट गया। एक पक्ष इसके समर्थन में है और दूसरा पक्ष इसका विरोध कर रहा है। ऐसा नहीं है कि यूसीसी को लेकर भारत में पहली बार ऐसा हो रहा है। वहीं, दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां यूसीसी जैसे कानून लागू हैं। इन देशों में विकसित और आधुनिक देश भी शामिल हैं।
समान नागरिक संहिता को मानने वाले देशों की लंबी सूची है। इनमें अमेरिका, आयरलैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, जैसे कई देश शामिल हैं, जो समान नागरिक संहिता को मानते हैं। इन देशों में सभी धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून होता है। इन जगहों पर किसी विशेष धर्म या समुदाय के लिए उनका अपना कानून नहीं है।
इसके साथ ही यूरोप के कई ऐसे देश हैं, जो एक धर्मनिरपेक्ष कानून को मानते हैं। वहीं, इस्लामिक देशों में शरिया कानून को मानते हैं, यहां अलग कानून नहीं है। यहां सभी व्यक्तियों पर एक समान रूप से कानून लागू होता है।
यूसीसी को लेकर भारत में स्थिति
- विधि आयोग ने 2016 में यूसीसी पर लोगों से राय मांगी थी। आयोग ने 2018 में अपनी रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने जब रिपोर्ट जारी की तो उस वक्त कहा गया कि भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता नहीं है।
- भारत के गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है। गोवा को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के साथ-साथ राज्य में यूसीसी भी लागू है। संसद से गोवा को ऐसा अधिकार दिया गया था कि वह पुर्तगाली सिविल कोड लागू कर सकता है।
- गोवा में सभी धर्मों के लोगों के लिए एक समान कानून है। गोवा में शादी या तलाक कोर्ट या रजिस्ट्रेशन द्वारा ही कानूनी तौर पर मान्य होता है।
- गोवा को छोड़कर पूरे भारत में हिंदू, इस्लाम और ईसाई धर्म के लिए अलग-अलग कानून है।
- उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार, समिति 30 जून के आसपास ड्राफ्ट को सरकार को सौंपने की तैयारी कर रही है। प्रदेश सरकार इसके आधार पर राज्य में यूसीसी लागू करेगी।
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