लोन के लिए सिबिल पर नहीं होगी निर्भरता, सभी बैंकों को यूएलआई से जुड़ने का निर्देश
बैंकों और वित्तीय संस्थानों में लोन के लिए सिबिल पर निर्भरता कम होने वाली है। वित्तीय सेवा विभाग ने सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) प्लेटफॉर्म से जुड़ने का निर्देश दिया है। यूएलआई से लोन आवेदन से भुगतान तक में मदद मिलेगी। यह डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर लोन आवेदकों की क्रेडिट क्षमता का आकलन करेगा खासकर उन लोगों के लिए जिनका क्रेडिट स्कोर नहीं है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं में लोन लेने के दौरान सबसे पहले आवेदक का क्रेडिट स्कोर देखा जाता है और उस क्रेडिट स्कोर के लिए सिबिल पर निर्भर करना पड़ता है।
अब यह निर्भरता खत्म होने जा रही है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सभी सरकारी व निजी बैंक एवं गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को जल्द से जल्द यूनिफाइड लैडिंग इंटरफेस (यूएलआई) प्लेटफार्म से जुड़ने का निर्देश दिया है।
लोन देने में यूएलआई के इस्तेमाल को लेकर सभी वित्तीय संस्थाओं को एक नोडल अधिकारी नामित करने के लिए कहा गया है। डीएफएस की तरफ से बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ को मासिक आधार पर यूएलआई के अमल की समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है। जिन संस्थाओं ने यूएलआई से जुड़ने की पहल नहीं की है, उन्हें जल्दी से इस दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
यूएलआई के इस्तेमाल से लोन आवदेन से लेकर भुगतान करने में मिलेगी मदद
इस संबंध में डीएफएस सचिव एम.नागाराजु और आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर टी. रबि शंकर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई जिसमें 12 सरकारी बैंक, 18 निजी बैंक, तीन स्माल फाइनेंस बैंक तो छह एनबीएफसी के एमडी एवं सीईओ उपस्थित थे। यूएलआई एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसका इस्तेमाल लोन के लिए आवेदन करने से लेकर उसके भुगतान तक की यात्रा में किया जाएगा।
इसके माध्यम से लोन के लिए आवेदन करने वालों के मकान, दुकान, खेत, रोजाना के खर्च, अन्य संपदा, खरीदारी व खर्च क्षमता का डाटा हासिल किया जा सकेगा। किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर नहीं रहने पर भी उसकी क्रेडिट क्षमता का आकलन किया जा सकेगा। जिन किसानों ने अब तक कोई कर्ज नहीं लिया है, उनकी जमीन से लेकर उनकी फसल का ब्योरा भी आसानी से मिल सकेगा।
25 साल पहले हुई थी CIBIL की स्थापना
यूएलआइ फ्रेमवर्क को ई-कामर्स और गिग वर्कर्स प्लेटफार्म भी जोड़ा जाएगा ताकि छोटे-छोटे क्रेता और विक्रेता के साथ सभी गिग वर्कर्स का क्रेडिट स्कोर तैयार किया जा सके। क्रेडिट स्कोर मापने के लिए 25 साल पहले क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) की स्थापना की गई थी।
मुख्य रूप से बैंक व वित्तीय संस्थाओं से लोन लेने वाले एवं क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों का ही सिबिल स्कोर का पता चल पाता है। अब पहली बार लोन लेने वाले का भी क्रेडिट स्कोर आसानी से जाना जा सकेगा।
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