'बेदावा जमा राशि को जल्द लौटाया जाएगा, KYC का किया जाए सरलीकरण'; वित्त मंत्री सीतारमण ने दिए कई अहम निर्देश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में बेदावा जमा राशियों को सही दावेदारों को लौटाने की बात कही। उन्होंने वित्तीय संस्थानों में केवाईसी नियमों में सुधार का आग्रह किया। एफएसडीसी की बैठक में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को देने पर भी चर्चा हुई। सीतारमण ने वित्तीय क्षेत्र में ग्राहकों के हितों की सुरक्षा पर जोर दिया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर बैंकों में पड़े बेदावा(अनक्लेम्ड) जमा राशियों को शीघ्रता से इनके सही दावेदारों को लौटाने की बात कही है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने वित्तीय संस्थानों में अपने ग्राहकों को जानो (केवाइसी) से संबंधित नियमों में सुधार करने का आग्रह भी देश के नियामक एजेंसियों से की है।
मंगलवार को वित्त मंत्री सीतारमण की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता व विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में यह बात कही। एफएसडीसी की बैठक में हाल ही में आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में एकमुश्त 50 आधार अंकों की कटौती करने के फैसले को देखते हुए इसका पूरा फायदा ग्राहकों को दिए जाने के मुद्दे पर भी बात हुई।
ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को बेहतर करना अनिवार्य
बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि तेज आर्थिक विकास दर के माहौल में वित्तीय क्षेत्र के ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को बेहतर करना बेहद अनिवार्य है। एफएसडीएस की बैठक में वित्त मंत्री के अलावा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, सेबी, पीएफआरडीए, आइआरडीए के अध्यक्षों के अलावा वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी भी हिस्सा लेते हैं।
बेदावा की पड़ी राशियों के मुद्दे पर काफी जोर
बताया जा रहा है कि मंगलवार की बैठक में बैंकों व बीमा कंपनियों में बेदावा की पड़ी राशियों के मुद्दे पर वित्त मंत्री का काफी जोर रहा। इस तरह की राशि ना सिर्फ बैंकों व बीमा कंपनियों में बल्कि पेंशन फंड में भी पड़ी हुई है।
गौरतलब है कि दस साल तक अगर इस राशि के बारे में कोई खोज खबर न ली गई हो तो उसे बेदावा माना जाता है। हाल ही में आरबीआई की तरफ से बैंकों के लिए काफी लंबे समय से संचालित नहीं होने वाले बैंक खातों के संचालन व उसमें जमा राशि को उसके सही उसके सही दावेदार तक पहुंचाने के लिए नए नियम बनाये गये हैं।
सही दावेदार तक पहुंचे उनकी राशि
वित्त मंत्री का कहना है कि सही दावेदार तक उसकी राशि को पहुंचाना बैंकों का कर्तव्य है। आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ वाणिज्यिक बैंकों के पास मार्च, 2024 तक 78,213 करोड़ रुपये की राशि पड़ी हुई है। बैंकों की तरफ से इन खाताधारकों को खोजने की कोशिश हो रही है, लेकिन कई मामलों में सफलता नहीं मिलती। इस बैठक में विभिन्न नियामक एजेंसियों के बीच बेहतर सामंजस्य को लेकर भी आगे उठाए जाने वाले कदमों पर बात हुई।
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