Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ram Mandir: गले मिलते ही यूं रो पड़ीं उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा, राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Mon, 22 Jan 2024 02:23 PM (IST)

    प्राण प्रतिष्ठा समारोहमें राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा शामिल हुईं। उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा एक-दूसरे के गले भी मिलीं। इस दौरान अपने सपने को साकार होते देख दोनों एक-दूसरे से मिलते ही रो पड़ीं और नम आंखों के साथ गले मिलीं। दोनों ने आज होने वाले लंबे समय से प्रतीक्षित कार्यक्रम के लिए एक-दूसरे को बधाई भी दी।

    Hero Image
    एक-दूसरे से गले मिलते ही रो पड़ीं उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा।

    एएनआई, अयोध्या। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में सोमवार को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। यह दिन भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश और दुनिया से करीब 7 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस बीच, इस समारोह में राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हुईं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक-दूसरे से गले मिलते ही रो पड़ी

    उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा एक-दूसरे के गले भी मिलीं। इस दौरान, अपने सपने को साकार होते देख दोनों एक-दूसरे से मिलते ही रो पड़ीं और नम आंखों के साथ गले मिलीं। दोनों ने आज होने वाले लंबे समय से प्रतीक्षित कार्यक्रम के लिए एक-दूसरे को बधाई भी दी।

    यह भी पढ़ेंः Ramlalla First Photo : रामलला दिव्य स्वरूप में विराजमान...नहीं हटते नैन, आप भी घर बैठे कर लें प्रभु के दर्शन

    राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

    6 दिसम्बर 1992 को जब बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने विध्वंस कर दिया था, जिसके बाद इन दोनों पर भी बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया सहित कई प्रमुख भाजपा और संघ परिवार के नेताओं के साथ आरोप लगाए गए थे। हालांकि,  30 सितंबर, 2020 को एक विशेष अदालत ने सभी को बरी कर दिया।

    भगवान राम ने दिया  साहसः साध्वी ऋतंभरा

    साध्वी ऋतंभरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर आंदोलन के समय भगवान राम ने उन्हें मंदिर के लिए लड़ाई जारी रखने का साहस और क्षमता दी थी।  उन्होंने आगे कहा कि इस समारोह में जो भी लोग शामिल हुए हैं वह सबी भाग्यशाली हैं। मैं इस भावना को शब्दों में बयां करने में सक्षम नहीं हूं।  

    यह भी पढ़ेंः Ram Mandir Pran Pratishtha LIVE: "सियावर रामचंद्र की जय..., हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे"; अयोध्या में शुरू हुआ पीएम मोदी का संबोधन

    शब्दों से परे है इसका कल्पना

    उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम का मंदिर बनना हिंदू समुदाय द्वारा दिखाए गए साहस का परिणाम है। यह कई लोगों की शहादत का परिणाम है। साध्वी ऋतंभरा ने आगे कहा कि भगवान को अपने निवास में स्थापित करने के लिए हमने 500 सालों से अधिक समय तक संघर्ष किया और आज हमने जो सफलता हासिल की है वह शब्दों से परे है।