'कोई फर्क नहीं पड़ेगा...' उद्धव- राज ठाकरे के गठबंधन पर बोली भाजपा
महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने गठबंधन किया है। भाजपा का मानना है कि इस गठबंधन से उन्हें कोई फायदा नहीं ...और पढ़ें
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उद्धव और राज ठाकरे का चुनावी गठबंधन
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने चुनावी गठबंधन की घोषणा कर दी है। लेकिन तीन दिन पहले ही नगर परिषद एवं नगर पंचायत चुनाव में बड़ी सफलता हासिल कर चुकी भाजपा का मानना है कि ठाकरे बंधुओं के साथ आने से भी उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला।
महाराष्ट्र की 29 महानगरपालिकाओं के लिए 15 जनवरी को मतदान होना है। इनमें मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) शिवसेना (यूबीटी) के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है। क्योंकि अगला वर्ष शिवसेना की स्थापना का 60वां वर्ष है, और शिवसेना (अविभाजित) पिछले तीस वर्षों से बीएमसी की सत्ता पर काबिज है।
पिछले विधानसभा चुनाव में हाशिए पर पहुंच चुकी शिवसेना (यूबीटी) की आखिरी उम्मीद पर बीएमसी से ही बची है। पिछले विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे को भी कोई सीट नहीं मिली। यहां तक कि वह अपने बेटे अमित ठाकरे को भी नहीं जिता सके।
इसलिए दोनों चचेरे भाइयों ने करीब 18 वर्ष बाद एक-दूसरे के साथ मिलकर राजनीति करने का फैसला किया है। इसकी भूमिका जुलाई में प्राथमिक कक्षाओं में हिंदी की पढ़ाई अनिवार्य किए जाने का विरोध करने के बहाने दोनों भाइयों के एक मंच पर आने से हुई थी।
बुधवार को उद्धव ठाकरे बड़प्पन दिखाते हुए अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ पहले शिवाजी पार्क के सामने ही स्थित राज ठाकरे के घर ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे। वहां राज ठाकरे की मां (जोकि उद्धव ठाकरे की सगी मौसी भी हैं) ने दोनों भाइयों को साथ बैठाकर उनकी आरती उतारी।
फिर दोनों भाई एक ही कार में बैठकर शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे स्मृति स्थल पहुंचे। बालासाहेब ठाकरे का अंतिम संस्कार इसी स्थान पर किया गया था। वहां पूरे परिवार ने एक साथ शिवसेना संस्थापक को श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर दोनों ने साथ ही वरली स्थित एक होटल में पहुंचकर पत्रकारों के सामने शिवसेना (यूबीटी) एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गठबंधन की घोषणा की।
हालांकि दोनों भाइयों ने यह नहीं बताया कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। लेकिन माना जा रहा है कि शिवसेना (यूबीटी) करीब 150 सीटों पर एवं मनसे 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बीएमसी के अलावा ठाणे, मीरा-भायंदर, कल्याण-डोंबीवली, नासिक और पुणे में भी दोनों दल मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे।
इस गठबंधन से दोनों दलों के समर्थकों में उत्साह है। समर्थकों का मानना है कि दोनों भाइयों का 18 साल बाद साथ आना ‘गेमचेंजर’ साबित होगा। लेकिन भाजपा इस दावे को सिरे से खारिज करती दिखाई दी। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष अमित साटम कहते हैं कि इस गठबंधन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
भाजपा महानगरपालिका चुनावों में भी नगर परिषद जैसा ही परिणाम दोहराएगी। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले कहते हैं कि राज-उद्धव मुंबई और मराठी की बात करके मराठियों का भावनात्मक दोहन करना चाह रहे हैं। लेकिन अब मराठी मानुष भावनाओं में नहीं बहनेवाला। हम लोग भी मराठी हैं। मराठी मानुष भाजपा के साथ ही रहेगा।

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