उबर रेप कांड: आरोपी शिवकुमार की जान को खतरा
उबर कैब दुष्कर्म मामले में तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को बचाव पक्ष के वकीलों ने पीड़िता से दूसरे दिन भी जिरह की। आरोपी की मांग पर अदालत ने उसकी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने व जेल से अलग वैन में अदालत लाने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उबर कैब दुष्कर्म मामले में तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को बचाव पक्ष के वकीलों ने पीड़िता से दूसरे दिन भी जिरह की। सोमवार को अदालत के समक्ष पांच गवाह पेश किए जाएंगे। वहीं, आरोपी की मांग पर अदालत ने उसकी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने व जेल से अलग वैन में अदालत लाने के निर्देश दिए हैं।
मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा की फास्ट ट्रैक कोर्ट में बंद कमरे में हुई। अदालत सूत्रों के अनुसार युवती ने बचाव पक्ष के वकीलों के पूछने पर आरोपपत्र में शिवकुमार यादव पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि की।
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युवती ने कहा कि शिवकुमार ने पेट में सरिया घुसाने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। उसने कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन असफल रही।
शिवकुमार के वकील ने अदालत से एक बार फिर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। उन्होंने दलील दी कि वैन में शिवकुमार को कैदियों द्वारा ब्लेड मारने व पिटाई करने का डर है। वह उसे जान से मारने की धमकी देते हैं। इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह शिवकुमार को जेल से अलग वैन में लाएं। सोमवार को अदालत के समक्ष तीन डॉक्टर, एक इंस्पेक्टर व परिवहन विभाग, शेख सराय कार्यालय के अधिकारी गवाह के रूप में पेश होंगे।
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अदालत ने गत मंगलवार को शिवकुमार पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 376 (2) (एम) दुष्कर्म व दुष्कर्म करने के दौरान महिला को शारीरिक नुकसान पहुंचाना, जानलेवा हमला करना, 366 दुष्कर्म के मकसद से अपहरण करना, 506 व 323 आपराधिक षड्यंत्र रचना व मारपीट करना की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।
पेश मामले में 5 दिसंबर 2014 को सराय रोहिल्ला थाना क्षेत्र में उबर कंपनी की कैब में चालक शिवकुमार यादव ने युवती से दुष्कर्म किया था। दिल्ली व उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम ने 7 दिसंबर को उसे मथुरा से गिरफ्तार किया था। गत 24 दिसंबर को पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दायर किया था।
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