Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SC: सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति संबंधी कोलेजियम नोट पर दो जजों को आपत्ति

    By AgencyEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Thu, 06 Oct 2022 04:58 AM (IST)

    SC अब सुप्रीम कोर्ट 10 अक्टूबर को बैठेगा। इसी वजह से हाई कोर्टों के तीन मुख्य न्यायाधीशों और शीर्ष कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील की सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति पर कोलेजियम के सदस्य जजों से लिखित स्वीकृति प्राप्त करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया था।

    Hero Image
    आमने-सामने की बैठक के बजाय सर्कुलर के जरिये बैठक का विरोध।

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट में पांच सदस्यीय कोलेजियम के दो जजों ने शीर्ष अदालत में चार जजों की नियुक्ति के प्रस्ताव संबंधी नोट पर लिखित सहमति देने पर आपत्ति व्यक्त की है। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय कोलेजियम ने हाल ही में बांबे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को शीर्ष अदालत के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोलेजियम ने कुछ अन्य नामों पर भी  विचार-विमर्श किया

    सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष अदालत में बाकी चार रिक्तियों के लिए कुछ अन्य नामों पर कोलेजियम ने विचार-विमर्श किया था। प्रधान न्यायाधीश के अलावा कोलेजियम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल हैं।

    सूत्रों का कहना है कि दशहरे की छुट्टियों से पहले आखिरी कार्यदिवस 30 सितंबर को कोलेजियम की बैठक नहीं हो पाई थी क्योंकि कोलेजियम का एक सदस्य उपलब्ध नहीं था। अब सुप्रीम कोर्ट 10 अक्टूबर को बैठेगा। इसी वजह से हाई कोर्टों के तीन मुख्य न्यायाधीशों और शीर्ष कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील की सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति पर कोलेजियम के सदस्य जजों से लिखित स्वीकृति प्राप्त करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया था।

    Video: Hijab Ban Issue: SC ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार, सरकार को भेजा नोटिस

    परंपरा के मुताबिक, उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए संभावित नामों पर चर्चा के बाद कोलेजियम के सदस्य प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करते हैं। बताते हैं कि कोलेजियम के दो सदस्यों ने परंपरा तोड़कर आमने-सामने बैठक करने के बजाय सर्कुलेशन के जरिये बैठक करने और ऐसे प्रस्ताव पर लिखित स्वीकृति देने पर कुछ आपत्ति जताई है।

    प्रस्ताव पर पंजाब एवं हरियाणा, पटना और मणिपुर हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों क्रमश: जस्टिस रवि शंकर झा, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पीवी संजय कुमार के अलावा वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन के नामों पर स्वीकृति मांगी गई थी।

    ये भी पढ़ें: हिजाब पर अगले हफ्ते आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पीठ ने 22 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था निर्णय

    बोलने में दोष के कारण प्रवेश देने से इन्कार; सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस, तीन हफ्ते में मांगा जवाब