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    Indian Navy के लिए रूस में बन रहे दो घातक युद्धपोत, बेड़े में कब होंगे शामिल? जानिए सबकुछ

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 07 Apr 2024 08:17 PM (IST)

    भारतीय नौसेना के लिए रूस दो युद्धपोत का निर्माण कर रहा है जिसको इसी साल कमीशन किए जाने की संभावना है जिन दो युद्धपोतों को कमीशन किया जाएगा उसमें आईएनएस तुशिल और आईएनएस तमाल शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि युद्धपोतों का काम सही तरीके से चल रहा है और पहले युद्धपोत को समुद्री परीक्षण के लिए लॉन्च भी किया जा चुका है।

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    Indian Navy के लिए रूस में बन रहे दो घातक युद्धपोत। फोटोः एएनआई।

    एएनआई, नई दिल्ली। रूस में भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत तैयार किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ये युद्धपोत भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। दरअसल इन युद्धपोतों को रूस द्वारा अब तक भारत को सौंपा जाना था लेकिन यूक्रेन से युद्ध के कारण इन्हें तैयार करने में देरी हो रही है। पहला युद्धपोत आईएनएस तुशिल के नाम से जाना जाएगा, जबकि दूसरा युद्धपोत आईएनएस तमाल होगा।

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    भारतीय टीम ने किया था रूसी शिपयार्ड का दौरा

    रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना की एक टीम ने हाल ही में रूस में शिपयार्ड का दौरा किया था। वहां इन युद्धपोतों को तैयार किया जा रहा है। नौसेना की टीम द्वारा परियोजना का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि काम अच्छी गति से चल रहा है और पहला युद्धपोत समुद्री परीक्षणों के लिए भी लांच किया जा चुका है। फिलहाल इसका इस्तेमाल रूसी नौसेना कर रही है।

    इस कारण हो रही देरी

    भारत को पहला युद्धपोत इस साल अगस्त के महीने में दूसरा युद्धपोत दिसंबर तक मिलने की उम्मीद है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से इस परियोजना में देरी हुई है। अधिकारियों ने कहा कि रूस में बनाए जा रहे युद्धपोत के लिए यूक्रेन से इंजन मंगाया जाना था।

    भारतीय नौसैनिक शिपयार्ड से एक टीम को युद्धपोत पर इंजन फिट करने के लिए वहां भेजा गया था। पहले जहाज का रूसी नौसेना द्वारा परीक्षण किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा।

    गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में भी चल रहा निर्माण कार्य

    उधर, भारत के गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में भी रूसी समर्थन से दो युद्धपोतों को बनाने का काम चल रहा है। उम्मीद है कि जीएसएल परीक्षण के लिए पहला युद्धपोत लॉन्च करेगा। बताया गया है कि इनकी डिलीवरी 2026 के मध्य तक पूरी करने की योजना है।

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