Jyoti murder case: राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका, दोषियों ने खटखटाया बॉम्बे HC के दरवाजा
साल 2007 में पुणे की एक कंपनी में कैब ड्राइवर और उसके साथियों ने 22 वर्षीय ज्योति चौधरी का यौन उत्पीड़न कर हत्या कर दी थी। अब इस मामले में दोनों आरोपी ...और पढ़ें

नई दिल्ली,एजेंसी। साल 2007 में ज्योति चौधरी के यौन उत्पीड़न और हत्या मामले में दो दोषियों ने राष्ट्रपति द्वारा उनकी दया याचिका अस्वीकृति को चुनौती देते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का रुख किया है। जानकारी के लिए बता दें कि 24 जून को दोनों दोषियों को फांसी की सजा होनी है।
जानकारी के लिए बता दें कि 2007 में 22 वर्ष के साथ उनकी ही कंपनी के कैब ड्राइवर और उसके साथियों ने मिलकर पहले यौन उत्पीड़न किया और फिर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुणे जिला न्यायालय ने साल 2012 में दोनों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। बाद में सजा को बॉम्बे होई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों को मौत की सजा को 2015 में भी बरकरार रखा।
राष्ट्रपति ने भी खारिज की दया याचिका
इसके बाद दोनों दोषियों ने इस मामले में राष्ट्रपति को दया याचिका दायर की, लेकिन 2016 में भारत के राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया। अब इस साल अप्रैल में पुणे की एक अदालत ने 24 जून को दोनों को फांसी सजा सुनाई थी। ज्योति के वकील युग चौधरी ने भी कोर्ट से दोनों को मौत की सजा देने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी। वकील के मुताबिक, इस याचिका पर 19 जून को सुनवाई होनी है।

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