Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिविल सर्विस के लिए मिलेंगे दो और मौके

    By Edited By:
    Updated: Tue, 11 Feb 2014 10:24 AM (IST)

    चुनावी वर्ष में सरकार ने आइएएस, आइपीएस समेत अन्य उच्च सेवाओं के अधिकारी बनने की महत्वाकांक्षा पाले बैठे छात्रों व युवाओं को लुभाने के लिए सोमवार को एक ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली। चुनावी वर्ष में सरकार ने आइएएस, आइपीएस समेत अन्य उच्च सेवाओं के अधिकारी बनने की महत्वाकांक्षा पाले बैठे छात्रों व युवाओं को लुभाने के लिए सोमवार को एक अहम कदम उठाया। उसने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित सिविल सर्विसेज परीक्षा में शामिल होने वाले सभी श्रेणी के लाखों परीक्षार्थियों को दो और मौका देने का फैसला किया है। इससे सामान्य और ओबीसी श्रेणी के प्रतियोगी छात्र, युवा सीधे लाभान्वित होंगे। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को अब इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बैठने के चार की जगह छह मौके मिलेंगे। वहीं ओबीसी श्रेणी के प्रतियोगी 7 की बजाय 9 बार सिविल सर्विस परीक्षा में बैठकर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। एससी/एसटी श्रेणी के अभ्यर्थियों को निर्धारित उम्र तक इस परीक्षा में शामिल होने के असीमित मौके पहले से ही हासिल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब प्रमोशन के जरिए आइएएस, आइपीएस बनना मुश्किल

    यह फैसला सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधि मंडल को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले आश्वासन के बाद आया है। राहुल ने उनकी सभी शिकायतों के निवारण का आश्वासन दिया था। कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार यह व्यवस्था इस वर्ष 24 अगस्त को होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा से ही लागू होगी। आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का दो और मौका देना मंजूर किया है। जरूरत पड़ने पर सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट भी मिलेगी।

    गौरतलब है कि आइएएस, आइपीएस और आइएफएस समेत अन्य उच्च सेवा के अधिकारियों के चयन के लिए यूपीएससी हर वर्ष सिविल सर्विसेज परीक्षा का आयोजन करता है। यह परीक्षा तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू) में संपन्न होती है। इसके तहत अब तक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम चार मौके दिए जाते थे। जबकि 2013 की परीक्षा की अधिसूचना के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतियोगियों को सात मौके मिलते थे। अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के प्रतियोगी अपनी निर्धारित उम्र तक परीक्षा में कितनी बार बैठ सकते हैं, इस पर पहले से ही कोई रोक नहीं है। 21 वर्ष से लेकर तीस वर्ष से कम उम्र का कोई भी अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठ सकता है। एससी/एसटी अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा में अधिकतम पांच वर्ष की छूट है। जबकि ओबीसी के लिए यह तीन वर्ष है। अगर कोई प्रतियोगी 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसंबर, 1989 तक जम्मू-कश्मीर में रहा हो तो उसे भी अधिकतम उम्र सीमा में पांच वर्ष तक की छूट मिलेगी। इसी प्रकार नेत्रहीन, मूक-बधिर और अपंग अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा में दस वर्ष तक की छूट प्रदान की गई है। सैनिक अभियान के दौरान अपंग हुए सैन्य कर्मियों के लिए भी उम्र सीमा में तीन वर्ष तक छूट मिलेगी।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर