अमेरिकी खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड का EVM हैकिंग पर वीडियो वायरल, चुनाव आयोग बोला- हमारे पास अलग तकनीक
अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने अमेरिकी ईवीएम को हैक करने योग्य बताया। कांग्रेस नेताओं ने इसे भारत से जोड़कर प्रचारित किया राहुल गांधी के दावों से मिलान करते हुए। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि भारतीय ईवीएम अलग हैं इंटरनेट से नहीं जुड़तीं और हैक नहीं हो सकतीं। भारत में ईवीएम से 5 आम चुनाव और 150 विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक हुए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में इस्तेमाल वाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ( ईवीएम) ने भले ही अपने 43 साल के सफर में बड़ी-बड़ी अग्निपरीक्षाएं को पास किया और सब में खरी उतरी है लेकिन इसके बाद भी ईवीएम से जुड़ी किसी तरह की गड़बड़ी का जैसे जिक्र आता है, देश का एक वर्ग उत्साहित हो जाता है।
ताजा मामला अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड के एक वीडियो से जुड़ा है, जिसमें अमेरिकी के इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम को वह कमजोर बताती हैं और कहती हैं इसे हैक किया जा सकता है।
तुलसी की बातों को कांग्रेस के नेताओं ने बनाया आधार
तुलसी ने कहा कि इसके हैक होने के उनके पास कुछ तथ्य भी मौजूद है। यह बात उन्होंने भले ही अमेरिकी ईवीएम के संदर्भ में कही थी लेकिन इसे आधार बनाकर कांग्रेस से जुड़े नेता और समर्थक इसे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने लगे। कांग्रेस से राजस्थान से जुड़े नेता, महिला कांग्रेस से जुड़े कई नेताओं ने इस वीडियो साझा किया और कहा कि यह बात तो राहुल गांधी भी कहते है। अब इसके प्रमाण भी मिल गए है। इस मामले के तूल पकड़ते देख चुनाव आयोग के जुड़े अधिकारिक ने भी मोर्चा संभाला।
भारत और अमेरिका का ईवीएम अलग: चुनाव आयोग
आयोग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तुलसी गबार्ड जिस ईवीएम की बात कर रही है वह अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम की बात है। दुनिया के कई देशों में मौजूदा समय में ऐसे मशीनें इस्तेमाल में ली जा रही है, जिसमें इंटरनेट या फिर दूसरे नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि भारत में ऐसा नहीं है। यहां इस्तेमाल होने वाली ईवीएम न तो हैक हो सकती है न ही इसे इंटरनेट या किसी दूसरे नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है।
गौरतलब है कि देश में अब तक ईवीएम के जरिए पांच आम चुनाव और करीब 150 विधानसभाओं के चुनाव हो चुके है। इनके नतीजों से देश में 44 बार सत्ता में परिवर्तन हुआ है।
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