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    ट्रंप ने भारत पर क्यों लगाया 25 फीसदी टैरिफ? पढ़ें रूस-चीन के अलावा और क्या है वजह

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 07:54 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 1 अगस्त 2025 से 25% शुल्क और पेनाल्टी लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप ने अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क और रूस से रक्षा उपकरणों की खरीद का आरोप लगाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम भारत पर दबाव बनाने की रणनीति है जबकि दोनों देशों के बीच शुल्कीय ढांचे पर वार्ता चल रही है।

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    डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाया टैरिफ।

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 20-25 फीसद शुल्क लगाने की बात कही थी और बुधवार को इस पर अमल करने की घोषणा भी कर दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय आयात पर एक अगस्त, 2025 से 25 फीसद का शुल्क और इसके अलावा पेनाल्टी लगाने का ऐलान किया है।

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    “ट्रुथ सोशल” नाम के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई घोषणा में ट्रंप ने भारत की तरफ से अमेरिकी उत्पादों पर लगाये जाने वाले शुल्क की उच्च दरों, रूस से रक्षा उपकरणों व इनर्जी की खरीद को लेकर भी आरोप लगाये हैं। उनका यह ऐलान अप्रत्याशित तो नहीं है लेकिन अभी जबकि दोनों देशों की सरकारों के बीच शुल्कीय ढांचे पर वार्ता चल रही है, इसी बीच में एकतरफा तरीके से इस तरह की घोषणा भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी मुद्दों को लेकर चल रहे तनावपूर्ण स्थिति को रेखांकित करता है।

    नहीं आया कोई आधिकारिक बयान

    दोनों देशों के अधिकारियों के बीच पिछले तीन महीनों से लगातार बातचीत जारी है लेकिन कृषि संबंधी क्षेत्र को खोलने के अमेरिकी दबाव के आगे भारत झुकने को तैयार नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप की इस घोषणा पर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और इसकी व्यापक समीक्षा अभी की जा रही है लेकिन जो तस्वीर सामने आ रही है उससे यह संकेत मिल रहा है कि 25 फीसद का शुल्क और पेनाल्टी भारतीय कारोबारी हितों के लिए ठीक नहीं है।

    वियतनाम और इंडोनेशिया पर टैरिफ लगाने को दी मंजूरी

    पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के दो प्रबल कारोबारी प्रतिस्पर्द्धी देशों विएतनाम पर 20 फीसद और इंडोनेशिया पर 19 फीसद का शुल्क लगाने की मंजूरी दी है। चीन पर अभी 30 फीसद का टैक्स लगाया गया है। ये देश पहले से ही कारोबारी लागत के मामले में भारत पर बीस पड़ते हैं।

    ट्रंप दबाव बनाने की कर रहे कोशिश

    अमेरिका भारत का एक अहम रणनीतिक साझेदार देश होने के साथ ही सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश भी है। दोनों देशों के बीच वर्ष 2024 में द्विपक्षीय कारोबार 132 अरब डॉलर का रहा था। अमेरिकी आयात के मुकाबले भारत ने 41 अरब डॉलर का ज्यादा निर्यात अमेरिका को किया था। राष्ट्रपति ट्रंप इस व्यापार घाटे को पाटने का भी दबाव बना रहे हैं।

    ट्रंप ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा है कि, “भले ही भारत हमारा दोस्त है, लेकिन हमने पिछले कई वर्षों में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है क्योंकि वो बहुत ज्यादा शुल्क लगाते हैं। उनका शुल्क दुनिया में सबसे ज्यादा देशों में एक है। साथ ही भारत किसी भी देश की तुलना में सबसे कठिन और आपत्तिजनक गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं भी लगाता है। साथ ही, भारत हमेशा से अपनी सैन्य उपकरणों की सबसे ज्यादा खरीद रूस से करता है, वह चीन के साथ रूस की ऊर्जा का सबसे बड़ा खरीददार भी है, ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं रोके - ये सभी चीजें अच्छी नहीं हैं। इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 फीसद का टैरिफ देना होगा, इसके अलावा आर्थिक जुर्माना भी देना होगा।”

    एक दिन पहले भी अमेरिकी पत्रकारों के साथ बातचीत में ट्रंप ने भारत को “अच्छा दोस्त” बताते हुए कहा था कि, “भारत मेरा मित्र है। उन्होंने मेरे अनुरोध पर पाकिस्तान के साथ युद्ध समाप्त किया। लेकिन भारत ने अमेरिकी सामानों पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाए हैं। यह अब नहीं चल सकता।”

    उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि एक अगस्त तक भारत के साथ व्यापार समझौता अंतिम रूप नहीं लेता, तो टैरिफ के साथ-साथ अतिरिक्त पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है। यह अतिरिक्त पेनाल्टी क्या होगी, स्पष्ट नहीं है।

    कुछ दिन पहले ब्राजील में जब ब्रिक्स शिखर सम्मलेन चल रहा था तब ट्रंप ने इस संगठन के सभी सदस्य देशों (भारत, रूस, चीन आदि) पर 10 फीसद का अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही थी।

    ट्रंप अपने इस कार्यकाल के दौरान कभी अतिरिक्त शुल्क लगाने को लेकर तो कभी रूस के साथ संबंधों को लेकर तो कभी ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाने का श्रेय लेने संबंधी बयान दे कर भारत सरकार को असहज कर रहे हैं।

    10 मई, 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप 25 से ज्यादा मौकों पर यह बोल चुके हैं कि उन्होंने ही दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच युद्ध रुकवाई है और इसके लिए भारत व पाकिस्तान को कारोबार नहीं करने की धमकी भी दी है।

    भारत ने अभी तक नहीं दिया कोई जवाब

    भारत की कारोबारी नीतियों पर भी वह लगातार बयान देते हैं कि और ज्यादा शुल्क लगाने की वजह से भारत को टैरिफ किंग भी कहते हैं। इसके बावजूद भारत सरकार की तरफ से इस पर कभी खुल कर बयान नहीं दिया गया है। पिछले शनिवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच शुल्कीय व्यवस्था और द्विपक्षीय कारोबारी समझौते पर बातचीत जारी है।

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