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तेलंगाना में दिग्‍गजों को नहीं मिला मेहनत का फायदा, टीआरएस के सामने रहे फीके

तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव का लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। टीआरएस को तेलंगाना में प्रचंड बहुमत मिला है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 08:12 PM (IST)
तेलंगाना में दिग्‍गजों को नहीं मिला मेहनत का फायदा, टीआरएस के सामने रहे फीके
तेलंगाना में दिग्‍गजों को नहीं मिला मेहनत का फायदा, टीआरएस के सामने रहे फीके

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव का लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। टीआरएस को तेलंगाना में प्रचंड बहुमत मिला है। यहां विधानसभा की कुल 119 सीटों में से टीआरएस 60 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 27 पर आगे चल रही है। टीआरएस की प्रचंड आंधी में सभी दल उड़ गए ।

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यहां पर जीत के लिए कांग्रेस ने तेलगुदेशम पार्टी, तेलंगाना जनसमिति और वामदलों के साथ गठबंधन किया था। लेकिन जनता ने इस गठबंधन को नकार दिया। टीआरएस ने सभी दलों के वोटबैंक में सेंधमारी कर दो-तिहाई से ज्‍यादा सीटों को जीतने की तरफ बढ़ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तेलंगाना में जमकर प्रचार किया था। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और कांग्रेस दोनों को चुनाव में सीटों का नुकसान हुआ है।

बीजेपी तमाम प्रयासों के बावजूद तेलंगाना में अब तक केवल एक सीट जीतने में कामयाब हुई है। 2013 में बीजेपी के खाते में कुल पांच सीट थीं। इस बार चुनाव में उसको चार सीटों का नुकसान हुआ है। 2013 में कांग्रेस के पास 21 सीट थीं। महागठबंधन बनाने के बावजूद कांग्रेस को चुनाव में सफलता नहीं मिली । 2013 में अन्य के खाते में 30 सीट थी, जो अब सिमटकर केवल 12 रह गई हैं।

तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव ने विधानसभा को तय समय से लगभग 8 महीने ही भंग कर दिया था। उनका यह दांव सही साबित हुआ। दरअसल चंद्रशेखर राव ने हवा के रूख को भांपते हुए ही विधानसभा को भंग करने का दांव खेला था। तेलंगाना विधानसभा के नतीजों ने उनके इस दांव पर जीत की मुहर लगा दी है।

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