पुखरायां ट्रेन हादसे में 145 लोगों की मौत, रेल मंत्री ने दिए फॉरेंसिक जांच के आदेश
इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन हादसे पर लोकसभा में बयान देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि मामले की फोरेंसिक जांच की जाएगी। उन्होंने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
इंदौर (जेएनएन)। रविवार तड़के कानपुर के पास इंदौर-पटना ट्रेन हादसे की फोरेंसिक जांच की जाएगी। लोकसभा में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हंगामे के बीच अपने बयान में कहा कि हादसे के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस हादसे को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस दौरान शोर-शराबे के चलते लोकसभा को भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस हादसे में 145 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक घायल हैं। रेलवे की तरफ से यह दावा किया गया है कि करीब 1200 लोग इस ट्रेन में सफर कर रहे थे। लेकिन, एक अंग्रेजी अखबार ने रेलवे सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस ट्रेन में सवार लोगों की संख्या इस आधिकारिक नंबर से काफी ज्यादा है।
बुरी तरह चिपक गईंं कई बोगियां
हादसे में ट्रेन की 14 बोगियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। सबसे अधिक नुकसान बी-3, एस-2, एस-3 कोच को हुआ जो आपस में बुरी तरह से चिपक गए। सबसे ज्यादा हतातहत होने वाले लोग इसी डिब्बे में थे। हादेस के वक्त अधिकतर यात्री थे गहरी नींद में सो रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक झांसी से ट्रेन 10 की गति से चल रही थी। यात्रियों ने ट्रेन में तेज आवाज आने की शिकायत भी की थी। इसके चलते कई जगह ट्रेन को रोका भी गया था। लेकिन ड्राइवर को ट्रेन को कानपुर सेंट्रल तक लाने का निर्देश दिया गया था।
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हादसे में शिकार होने वालों में बेटिकट यात्री भी शामिल
इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करनेवाले सैकड़ों लोग या तो बिना टिकट के चल रहे थे या फिर जनरल टिकट लेकर सवार थे, जिसे रेलवे के आंकड़ों में नहीं दिखाया जाएगा। रेलवे के एक अधिकारी ने अपना नाम ना उजागर करने की शर्त पर कहा, “ऐसे लोगों की संख्या करीब 500 के आसपास है जो या तो बिना टिकट सफर कर रहे थे या फिर उनके पास जनरल टिकट था और यह संख्या ट्रेन की कुल क्षमता का करीब आधा है।”
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अपनों को तलाश रहे लोग
एक ऐसा ही मामला राजाराम का है जो रविवार को अपनी साली को इंदौर रेलवे स्टेशन पर ढूंढ़ रहा था। हालांकि, राजाराम जानता था कि उसकी साली शनिवार को ट्रेन में सवार हुई थी लेकिन उसे यह नहीं मालूम कि वह कौन से बॉगी में थी क्योंकि उसकी साली के पास वेटिंग टिकट था।
इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे की दर्दनाक तस्वीरें
क्षमता से अधिक लोग थे सवार
राजाराम ऐसा अकेले शख्स नहीं है जिसके रिश्तेदार इस तरह से उस ट्रेन में सफर कर रहे थे। हेल्प डेस्क पर बैठे रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, ऐसे कई लोग अपने रिश्तेदारों के बारे में पता लगाने आए थे जो उस ट्रेन में सफर करने के अधिकृत नहीं थे। इससे यह पता चलता है कि रिजर्वेशन पर यात्रा करने वाले यात्रियों की तुलना में काफी अधिक लोग उस ट्रेन में सफर कर रहे थे।
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ट्रेन में लगाए गए थे एक्सट्रा कोच
स्टेशन पर सामान बेचनेवाले एक शख्स का दावा है कि सामान्य ट्रेनों के मुकाबले शनिवार को इस ट्रेन में चढ़नेवाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी। रेलवे की तरफ से कुछ एक्स्ट्रा कोच भी इस ट्रेन में लगाए थे लेकिन सवारी की संख्या के हिसाब से वह कोच भी पर्याप्त नहीं थे। स्टेशन पर सामान बेचनेवाले एक और शख्स ने दावा किया कि जनरल बॉगी में सफर करने के लिए लोगों की काफी लंबी लाइन लगी हुई थी जो उस जनरल बॉगी की क्षमता से काफी ज्यादा संख्या थी।
पटना को इंदौर से जोड़ने वाली एकमात्र ट्रेन
इस ट्रेन में काफी संख्या में लोगों के सफर करने का एक बड़ा कारण यह है कि ये एकमात्र ऐसी ट्रेन है जो पटना को इंदौर से जोड़ती है। मध्य प्रदेश में बिहार और उत्तर प्रदेश के काफी लोग रहते हैं, जिसके चलते प्राय: यह ट्रेन पूरी भरी हुई चलती है।
पूरा घटनाक्रम
2:00 बजे शनिवार दोपहर इंदौर स्टेशन से रवाना हुई ट्रेन।
3:03 बजे रविवार तड़के हुआ हादसा।
3:12 बजे ट्रेन के चालक ने स्टेशन मास्टर को दी दुर्घटना की सूचना।
4:30 बजे घायलों को बाहर निकाल कर अस्पताल भेजने का काम शुरू।
6:00 बजे सुबह कानपुर व झांसी से राहत ट्रेनें पहुंचीं।
8:00 बजे बनारस से एनडीआरएफ का दल मौके पर पहुंचा।
9:00 बजे सेना के जवान पहुंचे।
2:30 बजे रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा मौके पर पहुंचे।
3:08 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैलट अस्पताल पहुंचे।
3:25 बजे रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा हैलट अस्पताल पहुंचे।
6:29 बजे शाम रेल मंत्री सुरेश प्रभु हैलट अस्पताल पहुंचे।
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