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    'अपने हीरो को देखने गई थी वो तो...', करूर हादसे में मारी गई जया; भाई ने बताई दर्दनाक कहानी

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 05:27 PM (IST)

    तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ मचने से 40 लोगों की मौत हो गई जिसमें 55 वर्षीय जया भी शामिल थीं। जया अपने बेटे मुरुगन के साथ विजय को देखने गई थीं लेकिन भगदड़ में उनकी जान चली गई और उनका बेटा आईसीयू में है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।

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    तमिलनाडु विजय की रैली में भगदड़ 40 की मौत (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता से राजनेता बने विजय की रैली एक बड़े हादसे में बदल गई। यहां 40 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 55 साल की जया भी शामिल हैं। जया अपने बेटे मुरुगन के साथ रैली में पहुंची थीं ताकि अपने बेटे के पसंदीदा हीरो विजय को देख सकें। लेकिन धक्का-मुक्की और भगदड़ में जया की जान चली गई और उनका बेटा ICU में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

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    34 साल के मुरुगन की हालत गंभीर है। डॉक्टरों ने बताया कि उसके सीने में गहरी चोट हैं और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। विजय अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे, तभी भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में देखा गया कि विजय लोगों की प्यास बुझाने के लिए बोतल फेंक रहे थे, लेकिन तभी भगदड़ मच गई।

    करीब 27 हजार लोग पहुंचे

    पुलिस महानिदेशक जी वेंकटरमन ने बताया कि दोपहर 11 बजे से ही लोग आना शुरू हो गए थे। कार्यक्रम में 10 हजार लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन करीब 27 हजार लोग पहुंच गए। इसके बाद भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया।

    वेंकटरमन ने कहा कि लोगों के पास न तो पर्याप्त खाना था और न ही पानी। गरमी और धूप में घंटों इंतजार करने के बाद भी विजय शाम 7.40 बजे पहुंचे। इस बीच कई लोग बेहोश भी हो गए थे। हादसे के बाद कार्यक्रम स्थल पर केवल टूटी चप्पलें, खाली बोतलें, फटे झंडे और बिखारा हुआ कचरा रह गया, जो इस त्रासदी की गवाही दे रहा था।

    विजय से मिलने गया था जया का बेटा

    जया के भाई ने कहा, "मुझे पता ही नहीं था कि वह रैली में गई है। बाद में खबर देखकर खोज की तो उसकी लाश मिली। उसका बेटा केवल विजय से मिलने के लिए उसे ले गया था।"

    एक चश्मदीद ने आरोप लगाया कि रैली में कोई सुविधा नहीं थी, न पानी और न खाना। विजय ने मुश्किल से 3 मिनट बोला। यह पहली बार है कि वह राजनीति में उतरे हैं, लेकिन तैयारी नाम की कोई चीज नहीं थी।

    मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आधी रात को जरूर पहुंचकर दुख जताया और घोषणा की कि सेवानिवृत्त जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग इस मामले की जांच करेगा। सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को 1 लाख रुपये देने की घोषणा की।

    विपक्ष ने क्या आरोप लगाया

    वहीं, विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह हादसा भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन में चूक का नतीजा है। यह एक मानवजनित आपदा है।"

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