'सख्ती के बगैर यातायात सुधार संभव नहीं', हाई कोर्ट ने कहा रेड लाइट जंप करने वालों को दो घंटे चौराहे पर रोककर रखें
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि सख्ती के बगैर कोई सुधार संभव नहीं है। जनता को जागरूक करने के लिए सख्ती दिखानी होगी। बगैर हेलमेट लोग सड़क पर घूमते हैं कहीं भी दुकान लगा लेते हैं दोपहिया वाहन पर तीन सवारी निकल जाते हैं लेकिन कुछ नहीं होता। जब तक सख्ती नहीं दिखाओगे भारी जुर्माना नहीं लगाओगे कुछ नहीं होगा।

जेएनएन, इंदौर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि सख्ती के बगैर कोई सुधार संभव नहीं है। जनता को जागरूक करने के लिए सख्ती दिखानी होगी। बगैर हेलमेट लोग सड़क पर घूमते हैं, कहीं भी दुकान लगा लेते हैं, दोपहिया वाहन पर तीन सवारी निकल जाते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता। जब तक सख्ती नहीं दिखाओगे, भारी जुर्माना नहीं लगाओगे, कुछ नहीं होगा।
पुलिस हर जगह खड़ी नहीं रह सकती
पुलिस हर जगह खड़ी नहीं रह सकती। यह बात हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने मंगलवार को इंदौर की बदहाल यातायात व्यवस्था को लेकर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही। याचिका राजलक्ष्मी फाउंडेशन की ओर से लगाई गई है।
कोर्ट के आदेश पर कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस आयुक्त संतोष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा न्यायालय में उपस्थित हुए। पूर्व में कोर्ट ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से कहा था कि वह न्यायमित्र के रूप में कोर्ट की सहायता करें। इसलिए वह भी उपस्थित थे।
कोर्ट ने आठ जुलाई को शहर के बदहाल यातायात को लेकर दस ¨बदुओं पर शासन से जवाब मांगा था। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा था कि वे यातायात सुधारने की कार्ययोजना के साथ उपस्थित हों। मंगलवार को एक घंटे से ज्यादा सुनवाई चली।
रेड लाइट जंप करने वालों पर हो सख्ती
कोर्ट ने कहा कि जो लोग रेड लाइट जंप करते हैं, उन्हें चौराहे पर ही दो घंटे रोककर रखिए। उन्हें समझ में आ जाएगा कि सिग्नल जंप करने पर कार्रवाई होती है। जिस चौराहे पर यातायात के ज्यादा चालान बन रहे हैं, वहां तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए, क्योंकि उनकी तैनाती के बावजूद लोग नियम तोड़ रहे हैं।
कार पुलिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए
वाहन का बीमा रिन्यू करने वाली कंपनी पहले देखे कि उस वाहन का कोई चालान तो बकाया नहीं है। पहले चालान जमा कराए जाएं, इसके बाद बीमा रिन्यू किया जाए। कार पुलिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसकी शुरुआत हाई कोर्ट से की जा सकती है। एक ऑफिस से जुड़े वकील एक कार से कोर्ट आ सकते हैं। इससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी।
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