कंपोजीशन स्कीम में शामिल व्यापारी नहीं वसूल सकते हैं GST, जानिए क्या है यह Scheme
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि कंपोजीशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट को अपने बिल पर यह बताना चाहिए यह रेस्टोरेंट कंपोजीशन स्कीम में शामिल है या फिर रेस्टोरेंट के बाहर बोर्ड लगाकर ग्राहकों को इसकी जानकारी देनी चाहिए।

राजीव कुमार, नई दिल्ली। रेस्टोरेंट कहीं आपसे गैर कानूनी तरीके से जीएसटी तो नहीं वसूल रहा है। इन दिनों इस मुद्दे पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और टैक्स एक्सपर्ट के बीच जोरों से चर्चा चल रही है।
क्योंकि जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट भी धड़ल्ले से अपने ग्राहकों से जीएसटी वसूल रहे हैं। जबकि कंपोजीशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट अपने ग्राहकों से जीएसटी नहीं वसूल सकते हैं। वे इनपुट टैक्स क्रेडिट का भी दावा नहीं कर सकते हैं।
ग्राहक भी जीएसटी के साथ बिल का भुगतान कर देते हैं
ग्राहकों को यह पता ही नहीं होता है कि कौन सा रेस्टोरेंट कंपोजीशन स्कीम में शामिल है और कौन से रेस्टोरेंट इस स्कीम में शामिल नहीं है। इसलिए ग्राहक भी जीएसटी के साथ बिल का भुगतान कर देते हैं। अब ट्विटर के माध्यम से एक ग्राहक की शिकायत पर सीबीआईसी ने स्पष्टीकरण दिया है कि कंपोजीशन स्कीम में पंजीकृत टैक्सपेयर्स ग्राहक को टैक्स से जुड़ा कोई भी इनवॉयस जारी नहीं कर सकता है और वह जीएसटी भी नहीं वसूल सकता है।
जीएसटी नंबर से रेस्टोरेंट कंपोजिशन स्कीम का चल सकता है पता
कई टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि रेस्टोरेंट की तरफ से दिए गए बिल में रेस्टोरेंट का जीएसटी नंबर होता है, जीएसटी वेबसाइट पर जाकर यह पता किया जा सकता है रेस्टोरेंट कंपोजिशन स्कीम में शामिल है या जीएसटी की रेगुलर स्कीम में शामिल हैं। हालांकि टैक्स एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि रेस्टोरेंट में खाने के बाद ग्राहक के लिए जीएसटी वेबसाइट पर जाकर रेस्टोरेंट की विस्तृत जानकारी जुटाना संभव नहीं है।
रेस्टोरेंट कंपोजीशन स्कीम की जानकारी दे रोस्टोरेंट
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि कंपोजीशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट को अपने बिल पर यह बताना चाहिए यह रेस्टोरेंट कंपोजीशन स्कीम में शामिल है या फिर रेस्टोरेंट के बाहर बोर्ड लगाकर ग्राहकों को इसकी जानकारी देनी चाहिए।
जीएसटी मामलों के विशेषज्ञ एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) प्रवीण शर्मा ने बताया कि सालाना 50 लाख रुपए तक का कारोबार करने वाले रेस्टोरेंट कंपोजीशन स्कीम में शामिल हो सकते हैं और ये साल में अपनी जेब से टैक्स विभाग को छह फीसद का टैक्स देते हैं।
इन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल सकता है, इसलिए ये ग्राहक से जीएसटी नहीं वसूल सकते हैं। शर्मा कहते हैं कि टैक्स विभाग की तरफ से सभी रेस्टोरेंट का फिजिकल वेरिफिकेशन होना चाहिए कि इस प्रकार के कितने रेस्टोरेंट ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर जीएसटी वसूल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस जीएसटी को वे सरकार को भी नहीं दे रहे हैं।
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