भारत के 10 प्रमुख लाइट हाउस: आने वाले दिनों में ये सभी बदल जाएंगे किसी खूबसूरत पर्यटन स्थल में
जहाजरानी मंत्रलय मंत्री के मनसुख मांडविया ने बताया कि लाइट हाउसों को महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के तौर पर विकसित करने के लिए 100 साल से ज्यादा पुराने स्तंभों को चुना गया है। आस-पास के इलाके में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। कभी जहाजों को दिशा दिखाने वाले लाइट हाउस अब अपना और उस इलाके का इतिहास सुनाएंगे। मंगलवार को जहाजरानी मंत्रलय द्वारा आयोजित मैरीटाइम समिट-2021 में घोषणा की गई कि देशभर के 189 लाइट हाउस में से 78 को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। लाइट हाउस पर रिपोर्ट:
280 ईस्वी में फारोस द्वीप से शुरुआत, बना था दुनिया का पहला लाइट हाउस
अलेक्जेंडरिया के निकट फारोस द्वीप में लगभग 280 ईस्वी पूर्व संगमरमर का एक लाइट हाउस (दीप स्तंभ) बनाया गया था, जो 600 फुट ऊंचा था। यह विश्व के सात आश्चर्यो में गिना जाता था। 13वीं सदी में भूकंप से वह नष्ट हो गया। इस प्रकार दीपस्तंभ का इतिहास यद्यपि दो हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन है, फिर भी प्राणरक्षा के साथ साधन के रूप में दीप स्तंभों की नियमित व्यवस्था 19वीं सदी में ही प्रारंभ हुई। संयुक्त राज्य अमेरिका किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक लाइट हाउस हैं।
ट्रॉली में शिफ्ट किया गया डेनमार्क का लाइट हाउस
डेनमार्क में इस लाइट हाइस को 120 साल पहले बनाया गया था। अब इसे यहां से शिफ्ट करने के बाद फिर से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। इसे लाइट हाइस के नाम से जाना जाता है। अब इसे समुद्र की सतह से 260 फीट दूर ले जाकर वहां शिफ्ट कर दिया गया। नई जगह पर खोले जाने के बाद अब इसे देखने के लिए भी काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। डेनमार्क के पर्यावरण मंत्री ली वर्मेलिन ने बताया कि इस लाइट हाउस को शिफ्ट करने के लिए पांच मिलियन क्रोनर खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि ये एक तरह का राष्ट्रीय खजाना है। उन्होंने बताया कि ये लगभग 1000 टन का है। उसके बाद इसे एक छोटे म्यूजियम का रूप दे दिया गया।
कभी मशाल जलते थे, आज सेटेलाइट
इन मशालों को कोयले, तेल, गैस और फिर बिजली से रोशन किया गया। द लाइटहाउस डायरेक्ट्री के मुताबिक बीस हजार से भी ज्यादा ऐसे लाइटहाउस हैं जो दुनिया के सबसे अंधेरे वाले साहिलों को रोशन करते हैं। पहले के मुकाबले समुद्र में आज कहीं ज्यादा बड़े जहाज चलते हैं, और उनकी संख्या भी ज्यादा है फिर भी लाइटहाउस की उपयोगिता खत्म हो गई है, क्योंकि आज जहाज सैटेलाइट ऑटोमेशन के सहारे चलते हैं।
भारत के 10 प्रमुख लाइट हाउस :
मनपैड बीच लाइट हाउस, तुतीकोरन: तमिलनाडु स्थित तुतीकोरन के मनपैड शहर तुतीकोरिन से 60 किमी दूर है। मनपैड बीच का लाइट हाउस सफेद और लाल रंग की पट्टियों से बना हुआ है। लाइट हाउस के पास बसा यह गांव होली क्रॉस चर्च के लिए जाना जाता है। यहां सिंघम 2 और नी ठाणो एन पोन्वंशम जैसे कई फिल्मों की शूटिंग हुई है।
लाइट हाउस बीच, कोवलम: केरल स्थित कोवलम का लाइट हाउस समुद्री तट में है। तिरुअनंतपुरम से 16 किमी दूरी पर स्थित हैं। यह सबसे प्राचीन लाइट हाउसों मे से एक है। लाल और सफेद रंग वाला लंबा लाइट हाउस हरी-भरी हरियाली और चट्टानी इलाकों के शीर्ष पर स्थित है। यूरोपीय पर्यटकों ने इसे लाइट हाउस बीच नाम दिया।
पुडुचेरी लाइटहाउस, पुडुचेरी: पुडुचेरी के ऐतिहासिक शहर में दो लाइट हाउस है। प्रोमेनेड बीच 1.5 किमी. में फैला है। यहां एक पुराना लाइट हाउस है। 29 मीटर लंबा प्राचीन प्रकाश स्तंभ 19वीं शताब्दी में बनाया गया था। काले और सफेद रंग का बना यह लाइट हाउस अब कार्य में नहीं है।
केप बीच लाइट हाउस, मुलूर: केप बीच कर्नाटक के उडुपी शहर से 12 किमी दूर मुलूर नामक एक छोटे से गांव में स्थित है। केप बीच लाइट हाउस का निर्माण 1901 में हुआ था, यह इस समय की वास्तुकला की याद दिलाता है। इस लाइट हाउस के शीर्ष पर चढ़कर पूरा अरब सागर दिखलाई पड़ेगा।
रूपेन क्रीक लाइटहाउस, द्वारका: गुजरात के शहर द्वारका के रुपेन क्रीक में 18 फीट लंबे लाइट हाउस का निर्माण 19 वीं शताब्दी हुआ था। काले और सफेद पट्टियों से सजा यह लाइट हाउस रात के समय ही सबसे उपयुक्त नजर आता है।
अगुआदा किला लाइट हाउस, गोवा: 17वीं शताब्दी बनी पुर्तगाली अगुआदा किले के ऊपरी हिस्से में लाइट हाउस है। पुर्तगालियों ने इसे मंडोवी नदी के जरिए गोवा में प्रवेश करने वाले जहाजों पर निगरानी के लिए बनाया था। अभी यह पर्यटकों के लिए बंद है।
मामलापुरम लाइट हाउस, चेन्नई: महाबलीपुरम का समुद्री तट चेन्नई से 58 किलोमीटर दूर स्थित है। यह तट यूनेस्को के विश्व विरासत शहर में से एक है। इन प्राचीन स्मारकों में से एक ममल्लपुरम लाइट हाउस है, जिसे 1894 में छोटी पहाड़ियों पर बनाया गया था। यहां पल्लव राजवंश के काल के स्मारक और गुफाएं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
मरीना बीच लाइट हाउस, चेन्नई: पंबन द्वीप भारत के प्रायद्वीपिय भाग और श्रीलंका के मध्य स्थित एक द्वीप है। यहां तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले के अधीन आता है। रामेश्वरम नामक हिंदु तीर्थ स्थान इस द्वीप पर ही स्थित है। पंबन द्वीप का लाइट हाउस काले और सफेद रंग की पट्टियों और एक उज्ज्वल लाल शीर्ष के साथ बनाया गया है।
मुट्टॉम लाइटहाउस, कन्याकुमारी: ब्रिटिश काल में बना यह भारत के लोकप्रिय लाइट हाउसों में से एक है।
दुनियाभर में बने लाइट हाउस के कुछ चर्चित डिजाइन। फाइल फोटो
दो साल में तैयार की पुस्तक
भारतीय समुद्री परंपरा को समृद्ध करने के लिए डाटा संकलन की लंबी समय से कोशिश की जा रही थी। डायरेक्टर जनरल लाइट हाउस जे आर रामाकृष्णन के निर्देश पर आठ अधिकारियों की बैठक हुई। तय किया कि वे देश के सभी प्रकाश स्तंभों की जानकारी जुटाएंगे। इसकी जिम्मेदारी सिविल विभाग के इंजीनियर आर के भंती को सौंपी गई। दो साल की मेहनत के बाद पुस्तक तैयार हुई, जिसमें देश के सभी लाइट हाउस के इतिहास से लेकर वास्तुकला की जानकारी है।