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    नई उपज के बाद ही थमेंगे टमाटर के भाव, 206.21 लाख टन हुआ उत्पादन; सितंबर से मूल्य में आएगी कमी: वित्त मंत्रालय

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Fri, 04 Aug 2023 09:08 PM (IST)

    थोड़ी सुस्ती के बाद टमाटर के भाव फिर से चढ़ने लगे हैं। ऑफ सीजन होने के चलते इसके दाम पर तत्काल नियंत्रण संभव भी नहीं दिख रहा। मंत्रालय ने टमाटर के मूल्य में वृद्धि के लिए दो मुख्य कारण बताए हैं। इस बीच वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने खाद्य पदार्थों की महंगाई में उछाल को लेकर आरबीआई को सतर्क किया है।

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    सरकार ने टमाटर के मूल्य को नियंत्रण में रखने के लिए टमाटर की खरीद शुरू की।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकारी प्रयासों से प्रारंभिक स्तर पर थोड़ी सुस्ती के बाद टमाटर के भाव फिर से चढ़ने लगे हैं। ऑफ सीजन होने के चलते इसके दाम पर तत्काल नियंत्रण संभव भी नहीं दिख रहा। सस्ते मूल्य पर सरकारी स्टोर से भी उपभोक्ताओं को पर्याप्त राहत नहीं मिल सकी है। ऐसे में अब नई उपज से ही उम्मीद है, जो बाजार में सितंबर के पहले सप्ताह से उपलब्ध हो सकती है।

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    वित्त मंत्रालय ने महंगाई को लेकर RBI को किया सतर्क

    वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने खाद्य पदार्थों की महंगाई में उछाल को लेकर आरबीआई को सतर्क किया है। उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष टमाटर की उपज में मामूली अंतर है। पिछले वर्ष 206.94 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ था और इस वर्ष 206.21 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ है। स्पष्ट है कि इस मामूली कमी से कीमतों पर कोई खास असर नहीं पड़ सकता।

    मंत्रालय ने टमाटर के मूल्य में वृद्धि के लिए दो मुख्य कारण बताए हैं। पहला जून से अगस्त महीने के बीच ऑफ सीजन के चलते पूरे देश में टमाटर की उपज कम से कम होती है। प्राय: इसी दौरान प्रत्येक वर्ष टमाटर की कीमतों में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी जाती है। दूसरा कारण है कि देश के कई हिस्सों में इस बार इन्हीं महीनों में अतिवृष्टि होती रही, जिसके चलते एक राज्य से दूसरे राज्यों में यातायात प्रभावित हुआ। मूल्य वृद्धि पर इसका बड़ा फर्क पड़ा है। फिर भी केंद्र सरकार ने टमाटर के मूल्य को नियंत्रण में रखने के लिए मूल्य नियंत्रण कोष के तहत टमाटर की खरीद शुरू की है, जो अभी भी जारी है। फिर भी मांग की तुलना में आपूर्ति में कमी देखी जा रही है।

    सितंबर से टमाटर की नई उपज आने की उम्मीद

    सरकार का एक तर्क यह भी है कि टमाटर तुरंत खराब हो जाने वाली उपज है। इसलिए आलू-प्याज की तरह इसका अधिक समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में जबतक उत्पादन पर्याप्त नहीं हो जाता है, तबतक कमी को पूरी तरह दूर नहीं किया जा सकता है।

    सरकार को सितंबर से टमाटर की नई उपज आने की उम्मीद है, जिसके बाद मूल्य में कमी हो सकती है।