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    फर्जी डिग्री : मीडिया को गुमराह करते हुए दिल्‍ली पुलिस लखनऊ रवाना, आज भी तोमर से हुई पूछताछ

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Thu, 11 Jun 2015 04:05 PM (IST)

    बुधवार को राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय पहुंची दिल्ली की पुलिस की टीम ने दस्तावेजों का सत्यापन कराया। करीब चार घंटे तक साक्ष्यों के सत्यापन और तोमर से पूछताछ के बाद विवि ने फिर साफ किया कि पूर्व मंत्री की स्नातक की डिग्री फर्जी है।

    लखनऊ। फर्जी डिग्री मामले में फंसे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को दिल्ली पुलिस फैजाबाद के साकेत कालेज से दोपहर करीब तीन बजे बाहर निकली। मीडिया को गुमराह करने के लिए पुलिस अपने मार्ग में बदलाव करते हुए टेढमाढ़े रास्ते लखनऊ हाईवे पर पहुंची। गुरुवार को भी लगभग तोमर से ढाई घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद क्लास रूम की भी जांच की।

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    फर्जी डिग्री मामले में फंसे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पुलिस की जांच में उन पर लगे आरोप से संबंधित एक के बाद एक सबूत मिल रहे हैं। अब पटना में भी फैजाबाद की तरह ही पूछताछ की जाएगी।

    बुधवार को डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय पहुंची दिल्ली की पुलिस की टीम ने दस्तावेजों का सत्यापन कराया। करीब चार घंटे तक साक्ष्यों के सत्यापन और तोमर से पूछताछ के बाद विवि ने फिर साफ किया कि पूर्व मंत्री की स्नातक की डिग्री फर्जी है। विवि के मीडिया प्रभारी डॉ. एसएन शुक्ला के मुताबिक आरटीआइ में मांगी गई जानकारी पर जो जवाब अवध विवि प्रशासन का था, वह उस पर कायम हैं।

    रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस ने दस्तावेजों को मांगने के लिए विवि को आवेदन पत्र दिया। इसके बाद वर्ष 1986, 1987 व 1988 के दस्तावेजों को खंगाला जाना आरंभ किया गया। टीम ने विवि से नामांकन प्रक्रिया, परीक्षा, नतीजा घोषित करने का तरीका, अंकपत्र व डिग्री बनाने का मूल दस्तावेज मांगा। इसे उपलब्ध करा दिया गया। इसके बाद तीन सालों के दस्तावेजों को एक-एक करके तोमर के सामने ही पलटा जाना शुरू किया गया।

    विवि के अधिकारियों ने तोमर से जरूर कुछ सवाल किए, लेकिन तोमर ज्यादातर वक्त खामोश ही रहे। असली दस्तावेजों के सामने ज्यादातर मौकों पर तोमर की बोलती बंद रही है। पता चला है कि पुलिस यहां से अंक, नामांकन व परीक्षा से संबंधित वर्ष 1986 से 1988 तक के दस्तावेज सील करके ले गई है। दिल्ली पुलिस ने तोमर के सामने हुई छानबीन की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई है।

    मायूस नजर आए तोमर
    वक्त-वक्त की बात है। दिल्ली के के पूर्व कानून मंत्री खुद कानूनी शिकंजे में थे। जितेंद्र सिंह तोमर इस दौरान मायूस थे। स्टेशन पहुंचे मुट्ठी भर आप कार्यकर्ता भी शांत थे। ठीक 11: 44 बजे फरक्का एक्सप्रेस फैजाबाद रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची। तोमर के ट्रेन से उतरने पर मीडियाकर्मी सवाल करते हुए उनके पीछे भागे लेकिन पुलिस उन्हें लेकर विश्वविद्यालय के लिए रवाना हो गई।

    महिला बोगी में तय किया सफर
    जितेंद्र सिंह तोमर को फैजाबाद लाने के लिए दिल्ली पुलिस ने रेलवे के नियम ताक पर रख दिए। ट्रेन में आरक्षण न होने के कारण दिल्ली पुलिस ने महिला कोच में आठ से दस लोगों के बैठने की जगह बनवाई और बैठ गए।

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