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    आंध्र प्रदेश: 25 हजार नहीं लौटाए तो दबंग ने बेटे को बना लिया बंधक, मौत हुई तो बिना परिवार को बताए दफना दिया

    Updated: Sat, 24 May 2025 10:05 PM (IST)

    आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक बत्तख पालक ने एक महिला और उसके बच्चों को 25 हजार रुपये के लिए बंधुआ मजदूर बना लिया। महिला के बेटे की मौत के बाद आरोपी न ...और पढ़ें

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    यानाडी आदिवासी परिवार तिरुपति में एक बत्तख पालक के लिए काम करता था (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक बत्तख पालक ने 25 हजार रुपये के लिए महिला और उसके बच्चों को बंधुआ मजदूर बनाने का मामला सामने आया है। आरोपी ने महिला के बेटे की मौत हो जाने के बाद उसे बिना बताए दफना दिया और पूछने पर उसके भाग जाने का झूठ बोलता रहा।

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    पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने सच्चाई उगल दी। दरअसल यानाडी आदिवासी परिवार तिरुपति में एक बत्तख पालक के लिए काम करता था। आदिवासी परिवार में महिला अनकम्मा, उसका पति चेंचैया और उसके तीन बच्चे थे। बाद में चेंचैया की मृत्यु हो गई।

    25 हजार उधार लेने की कही बात

    अनकम्मा ने अपने पति की मौत के बाद जब मजदूरी छोड़ने की इच्छा जताई, तो बत्तख पालक ने कहा कि उसके पति ने उससे 25 हजार रुपये उधार लिए थे। आरोपी ने कहा कि इस 25 हजार रुपये के अलावा उसे 20 हजार रुपये ब्याज के तौर पर भी देने होंगे, तभी वह जा सकती है।

    महिला ने पैसों का इंतजाम करने के लिए 10 दिन का समय मांगा। आरोपी ने उसके बच्चे को जमानत के तौर पर अपने पास रख लिया और उसे बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराने लगा। जब कभी बच्चे की अपनी मां से बात होती, तो वह रो-रोकर कहता कि उससे दिन-रात काम कराया जाता है।

    पुलिस ने सख्ती से की पूछताछ

    • महिला ने किसी तरह पैसों का इंतजाम किया और आरोपी के पास पहुंच गई। पूछे जाने पर आरोपी ने कहा कि उसने बच्चे को कहीं और भेज दिया है। जब महिला ने दबाव बनाया, तो आरोपी ने कहा कि बच्चा अस्पताल में भर्ती है। बाद में उसने अपना बयान बदल दिया और कहा कि बच्चा कहीं भाग गया है।
    • महिला ने कुछ स्थानीय आदिवासी नेताओं की मदद से पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने जब बत्तख पालक से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने कबूल कर लिया कि बच्चे की मौत हो गई थी और उसने लाश को चोरी-छिपे दफना दिया था। आरोपी, उसकी पत्नी और बेटे को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
    • पुलिस ने बच्चे के शव को खोदकर बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आरोपी का कहना है कि बच्चे की मौत पीलिया की वजह से हुई थी। यानाडी आदिवासी समुदाय के लोगों को बंधुआ मजदूर बनाने के मामले कई बार सामने आते हैं।

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