असम में NRC को सूचीबद्ध करने की समयसीमा 31 अगस्त तक बढ़ाई गई
असम में असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को सूचीबद्ध करने की समयसीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। यह फैसला भारत के महापंजीयक ने लिया है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, प्रेट। केंद्र सरकार ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को सूचीबद्ध करने की समयसीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी है। इस तिथि तक राज्य के नागरिकों की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।
भारत के महापंजीयक विवेक जोशी द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि असम के नागरिकों की सूची 31 जुलाई तक की निर्धारित समयसीमा में तैयार नहीं की जा सकी। लिहाजा सरकार ने जनहित में यह फैसला करना जरूरी समझा है।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) क्या है?
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) असम के नागरिकों की नागरिकता सूची है। इसमें उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और फोटोग्राफ हैं जो नागरिक 25 मार्च 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में यह आश्वासन भी दिया गया है कि जो लोग वैध नागरिक नहीं पाए गए हैं, उन्हें निर्वासित नहीं किया जाएगा।
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की आवश्यकता क्यों पड़ी?
असम में बहुत लंबे समय से अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों का मुद्दा छाया रहा है। इसे लेकर छात्रों ने 80 के दशक में आंदोलन किया था. इसके बाद असम गण परिषद और तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के बीच समझौता हुआ था। इसमें कहा गया है कि साल 1971 तक जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी और बाकी को निर्वासित किया जाएगा। साल 1951 में एनआरसी तैयार किया गया था, तब से इसे सात बार जारी करने की कोशिशें हुईं। अंततः, साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह सूची जारी हुई है।
पृष्ठभूमि
30 जुलाई 2018 को प्रकाशित मसौदे में कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 2.9 करोड़ लोगों का नाम शामिल किया गया था जबकि मसौदे में 40 लाख लोगों को छोड़ दिया गया है। वहीं, 31 दिसंबर को प्रकाशित पहले मसौदे में 1.9 करोड़ नाम थे। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम में एनआरसी अपडेट किया जा रहा है और अंतिम सूची 31 जुलाई को जारी होने वाली थी।

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