संस्कृत में बन रही तीसरी फिल्म
दो दशकों के बाद संस्कृत में एक और फिल्म बन रही है और सितंबर महीने तक वह पर्दे पर नजर आएगी। यह फिल्म 17वीं सदी के कवि अध्येता उन्नायी वारियर के जीवन पर प्रकाश डालने वाली है। उन्नायी केरल के रहने वाले थे। सिनेमा की शूटिंग इस सप्ताह शुरू होगी
तिरुअनंतपुरम। दो दशकों के बाद संस्कृत में एक और फिल्म बन रही है और सितंबर महीने तक वह पर्दे पर नजर आएगी। यह फिल्म 17वीं सदी के कवि अध्येता उन्नायी वारियर के जीवन पर प्रकाश डालने वाली है। उन्नायी केरल के रहने वाले थे। सिनेमा की शूटिंग इस सप्ताह शुरू होगी और पूरी हो जाने के बाद भारतीय सिनेमा में संस्कृत की यह तीसरी फिल्म होगी।
इस फिल्म का निर्माण पुरस्कार विजेता निर्देशक विनोद मानकारा कर रहे हैं। इस मामले में वह मशहूर फिल्म निर्माता जीवी अय्यर के बनाए रास्ते पर ही चलेंगे। संस्कृत में बनी पहली दोनों फिल्में अय्यर ने ही बनाई थी। उन्होंने 1983 में आदि शंकराचार्य और 1993 में भगवद् गीता शीर्षक से संस्कृत की पहली दोनों फिल्में बनाई थी।
'प्रियमानसम' नाम से बन रही फिल्म के डेढ़ घंटे की अवधि में कहानी वारियर के आत्म संघर्ष और संताप के अनुभवों के इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म में दिखाया जाएगा कि अपनी महानतम कृति 'नलचरितम' आट्टाकथा (कथककली नाट्य) लिखने के दौरान वारियर किन मानसिक स्थितियों से गुजरे थे।