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    'अदाणी मामले में अमेरिका से कोई बातचीत नहीं हुई', विवाद पर पहली बार खुलकर बोला विदेश मंत्रालय

    Updated: Fri, 29 Nov 2024 11:08 PM (IST)

    अडाणी ग्रुप से जुड़े अमेरिका के कथित रिश्वत मामले में पहली बार भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी बात रखी है। मंत्रालय का कहना कि इस मामले की जानकारी अमेरिका ने पहले नहीं दी। न ही इस मामले में किसी तरह की बात हुई। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिका ने कोई अनुरोध भी नहीं किया है। यह एक कानूनी मामला है।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल। ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अदाणी ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों पर आरोप लगाया जाना एक 'कानूनी मामला' है, जिसमें निजी कंपनियां, व्यक्ति और अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं। साथ ही कहा कि भारत सरकार को इस मामले में अमेरिका से कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। इस मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार वर्तमान में किसी भी तरह इस मामले का हिस्सा नहीं है।

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    उन्होंने कहा, "हम इसे कानूनी मामले की तरह देखते हैं जिसमें निजी कंपनियां, व्यक्ति एवं अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं। ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं एवं कानूनी तरीके होते हैं और हमारा मानना है कि उनका पालन किया जाएगा।" जायसवाल ने कहा, "भारत सरकार को इस मामले की अग्रिम सूचना नहीं दी गई थी। इस पर हमारी अमेरिकी सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं हुई थी।"

    इस सवाल पर कि क्या अदाणी मामले में अमेरिका ने वहां स्थित भारतीय मिशनों को कोई समन या वारंट सौंपा है? इस पर जायसवाल ने कहा, "किसी विदेशी सरकार द्वारा समन या वारंट पहुंचाने का अनुरोध करना पारस्परिक कानूनी सहायता का हिस्सा है। मगर ऐसे अनुरोधों पर उनकी मेरिट के आधार पर विचार किया जाता है। हमें इस मामले में अमेरिका की ओर से कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।"

    बांग्लादेश के हालात पर व्यक्त की चिंता

    उधर, बांग्लादेश के हालात पर भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिंता जाहिर की। भारत ने बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात से हम चिंतित हैं। हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के मामले में हमने अपना विरोध दर्ज कराया है। बांग्लादेश को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए।

    इस्कॉन एक विश्वस्तरीय संगठन

    भारत ने बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाया था। अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस्कॉन को समाजसेवा के मजबूत रिकॉर्ड के साथ एक विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संगठन के तौर पर देखते हैं। ​​चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर कहा कि व्यक्तियों के खिलाफ मामले और कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं। आशा है कि इन प्रक्रियाओं को निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा।

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