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    Rajasthan: झालावाड़ में स्कूल हादसे के दूसरे दिन भी किसी ने नहीं किया भोजन, पूरे गांव में शोक का माहौल

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 07:19 AM (IST)

    राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से शुक्रवार को सात बच्चों की मौत के बाद से पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों की आंखों से अनवरत अश्रुधाराएं बह रही हैं किसी ने भी हादसे के बाद से भोजन नहीं किया है। शनिवार को बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया जिसमें दो भाई-बहन कान्हा और मीना का अंतिम संस्कार एक ही अर्थी पर किया गया।

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    झालावाड़ में स्कूल हादसे के दूसरे दिन भी किसी ने नहीं किया भोजन (फाइल फोटो)

     जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने से शुक्रवार को सात बच्चों की मौत के बाद से पूरे गांव में शोक का माहौल है।

    भाई-बहन का अंतिम संस्कार एक ही अर्थी पर किया

    ग्रामीणों की आंखों से अनवरत अश्रुधाराएं बह रही हैं, किसी ने भी हादसे के बाद से भोजन नहीं किया है। शनिवार को बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें दो भाई-बहन कान्हा और मीना का अंतिम संस्कार एक ही अर्थी पर किया गया। शिक्षामंत्री मदन दिलावर सहित कई अधिकारी पिपलोदी गांव में ही मौजूद रहे।

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    सरकार देगी मृतक बच्चों के स्वजनों को दस-दस लाख की मदद और संविदा पर नौकरी

    सरकार ने मृतक बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्च स्तरीय समिति गठित कर पांच दिन में हादसे की रिपोर्ट मांगी है।

    उन्होंने सभी जिलों के सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति का जायजा लेने और मरम्मत का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि विधायक अब अपने कोष की 20 प्रतिशत राशि स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी भवनों की मरम्मत पर खर्च करेंगे।

    शिक्षा विभाग ने हादसे के बाद 10 लोगों को निलंबित किया

    बता दें कि शिक्षा विभाग ने हादसे के बाद 10 लोगों को निलंबित किया है, जिनमें पांच शिक्षक हैं। निलंबित शिक्षकों को सुरक्षा के लिहाज से थाने में बिठाकर रखा गया है। शिक्षकों के स्वजनों को भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है। उधर, हादसे में घायल 21 बच्चों का अस्पताल में उपचार जारी है, जिनमें से गंभीर स्थिति में रहे नौ बच्चों में से केवल दो की हालत में सुधार हुआ है।

    इस बीच, छात्र नेता नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर शनिवार को उनके समर्थकों ने बांरा-झालावाड़ मेगा हाईवे पर जाम लगा दिया। पुलिस ने उन्हें बल प्रयोग कर हटाया।

    हादसे के बाद छात्र नेता नरेश अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे

    दरअसल, शुक्रवार को हादसे के बाद नरेश अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए थे। उन्हें पुलिस ने हटाने का प्रयास किया तो समर्थकों ने धक्कामुक्की करने के साथ पुलिसकर्मियों पर कुछ पत्थर भी फेंके। इस पर पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर नरेश को हिरासत में ले लिया था।

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