अंतरिक्ष में भी है 'द ग्रेट वॉल
अंतरिक्ष में भी है 'द ग्रेट वॉल।' चौंकियेगा नहीं, खगोल विज्ञानियों ने अंतरिक्ष में ब्रह्मांड की सबसे बड़ी संरचना (स्ट्रक्चर) को खोजा है। नाम दिया गया है 'बॉस द ग्रेट वॉल।'
नई दिल्ली। अंतरिक्ष में भी है 'द ग्रेट वॉल।' चौंकियेगा नहीं, खगोल विज्ञानियों ने अंतरिक्ष में ब्रह्मांड की सबसे बड़ी संरचना (स्ट्रक्चर) को खोजा है। नाम दिया गया है 'बॉस द ग्रेट वॉल।'
इसमें आठ सौ से अधिक आकाश गंगाएं शामिल हैं, इसके अलावा तारे, ग्रह आदि भी हैं जो गुरुत्व के आकर्षण से एक दूसरे से माला की तरह जुड़े हुए हैं। इनका विस्तार एक अरब प्रकाश वर्ष की दूरी तक है यानी इस दीवार के एक ओर यदि किसी नए तारे का निर्माण हो तो उस तक प्रकाश पहुंचने में एक अरब वर्ष लग जाएंगे।
किसी से तुलना संभव नहीं
एस्ट्रोनोमी और एस्ट्रोफिजिक्स के नए अंक में प्रकाशित शोध में विज्ञानियों ने कहा कि इससे किसी भी अन्य संरचना की तुलना नहीं की जा सकती। लगता है जैसे ब्रह्मांड को अभी आधा ही मापा गया था, आधे का तो अब पता चला है। बेर्यन ऑसिलेशन स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वे के लिए काम कर रहे विज्ञानियों के अनुसार ब्रह्मांड को फिर से समझने, मापने की जरूरत है।
कितना है आकार
नया खगोलीय स्वरूप उतना ही बड़ा है जितना हम पूरे ब्रह्मांड का आकार मानते रहे हैं। विज्ञानियों के अनुसार अब तक चार लाख आकाश गंगाओं का पता लगाया गया है। कैनेरी आइलैंड्स इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के शोधकर्ता हेदी लिटजेन ने कहा कि नया स्वरूप असाधारण और दिव्य है। उनके अनुसार बॉस जैसी दीवारें ब्रह्मांड की मूलभूत संरचनाओं में शामिल हैं।
बनता है सुपरक्लस्टर
तारे, ग्रह, आकाश गंगा शून्यता के बीच गुरुत्व के धागे से एक दूसरे से बंधे होते हैं। ये बड़ी संख्या में एक श्रृंखला में इकट्ठे होते हैं, फिर सुपरक्लस्टर में बदलते हैं, इससे दीवार बनती है। बॉस सर्वे का संचालन करने वाली संस्था स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे ने ब्रह्मांड पर बेहतर अनुसंधान के लिए न्यू मैक्सिको में अत्याधुनिक टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया है।
पहले भी खोजी गई थी दीवार
स्लोअन डिजिटल ने पहले भी ऐसी एक विशाल दीवार का पता लगाया था लेकिन बॉस का आयतन उससे दस गुना अधिक और व्यास 70 प्रतिशत बड़ा है। इसमें चार सुपरक्लस्टर हैं जिनमें 830 आकाश गंगाएं शामिल हैं। यह संरचना पृथ्वी से पांच अरब प्रकाश वर्ष दूर है।